Raisenरायसेन। खरीफ सीजन में सोयाबीन फसल के वाजिब दाम को लेकर किसान संगठन औऱ किसान आंदोलन के मूड में है।अन्नदाताओं का कहना है कि कृषि लागत तेजी से बढ़ रही है।जिसके चलते किसानों की उपज का सही दाम नहीं मिल पा रहा है।
समझें:एक बीघा की सोयाबीन खेती का खर्चा (रुपए में)....
दो बार खेत की जुताई : 800
एक बार बोवनी : 400
20 किलो बीज : 1250
खरपतवार नाशक : 500
कीटनाशक व टॉनिक : 2000
फसल कटाई का खर्च : 2000
फसल की थ्रेसिंग : 2000
घर व मंडी तक भाड़ा : 500
देखभाल पर खर्चा : 2000
कुल खर्चा : 11450
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उत्पादन ढाई क्विंटल : 10
रायसेन।. सोयाबीन उपज की रेट बढ़ाकर 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल करने की किसानों की मुहिम जोर पकड़ने लगी है। भाजपा नेताओं ने भी इस मुहिम में शामिल होकर शासन को पत्र लिखे हैं तो वहीं भारतीय किसान संघ ,किसान जागृति संघ भी प्रदेशभर में बड़े आंदोलन की तैयारी में है,।इसके लिए किसान संघ गांव-गांव संपर्क कर रहा है।
सोयाबीन इस समय कृषि उपज मंडी में चार हजार रुपए क्विंटल बिक रहा है।, जबकि एक महीने में सोयाबीन की फसल आने वाली है। सीजन पर हर साल रेट घट जाती है। इससे किसानों की मांग है कि लागत ज्यादा है लेकिन मंडियों में रेट कम है। इससे सोयाबीन की रेट कम से कम छह हजार रुपए क्विंटल होना चाहिए। ताकि सोया प्रदेश कहलाने वाले मप्र में सोयाबीन उत्पादक किसानों को लाभ मिल सके और उन्हें कम रेटों की वजह से होने वाले आर्थिक नुकसान की समस्या से राहत मिल सके। इससे रोजाना ही सोशल मीडिया पर किसान सोयाबीन की कीमत 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल किए जाने की मांग कर रहे हैं।
इनका कहना है.....
कृषि उपकरण तो महंगे हो ही गए। वहीं खाद व खेती की दवाइयां दोगुना महंगी हो गईं और अधिकारी-कर्मचारियों का वेतन भी दोगुना हो गया। लेकिन किसान के अनाज की रेट बढ़ने की बजाय घट गई इससे किसान की लागत भी पूरी नहीं निकल रही। इससे 16 सितबर को प्रदेशभर में बड़ा आंदोलन होगा, जिले में भी किसानों से संपर्क कर रहे हैं।राजेन्द्र बाबू राय रज्जु भैय्या किसान जागृति संघ प्रदेशाध्यक्ष