Raisen: प्रभु ओशो आचार्य रजनीश का 94 वां जन्मोत्सव उनके अनुयायीयों ने बड़े हर्षोल्लास से मनाया

Update: 2024-12-13 16:22 GMT
Raisenरायसेन। पूरी दुनिया को ऊर्जा ज्ञान का प्रकाश देने वाले आचार्य प्रभु ओशो की याद में ओशो के शिष्यों ने तीन साल बाद खोला गया ओशो जन्म स्थान यानि ओशो हाउस । भारत सहित पूरी दुनिया को अध्यात्म से नई ऊर्जा देने वाले महान दार्शनिक सन्त आचार्य रजनीश चंद्रमोहन ओशो का जन्मोत्सव मनाने के लिए रायसेन रायसेन जिले के ग्राम कुचवाड़ा स्थित ओशोधाम आश्रम में धूमधाम से मनाया गया । ओशो का 94 वां जन्मोत्सव मनाया गया ।
अपनी जिंदगी में आप जो करना चाहते हैं, वो करें, लोग तब भी कुछ कहते हैं, जब आप कुछ नहीं करते। यह संदेश है महान दार्शनिक संत भगवान रजनीश ओशो का।जिन्होंने दुनिया को जीने का नया तरीका बताया था। लेकिन आज उनके जन्मस्थान की हालत काफी दयनीय हो चुकी है। जिला मुख्यालय रायसेन से करीब 110 किमी दूर कुचवाड़ा गांव में रजनीश ओशो का घर और आश्रम है। करीब 150 साल पुराने इस घर की दीवारें जर्जर हो चुकी हैं। वहीं जालियों पर जंग भी लग गया है। घर के सामने ही नालियों का गंदा पानी बह रह्य है तो कूड़े का ढेर भी लगा है। इस स्थान को आध्यात्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करने के ख्वाब उनके अनुयायियों और कुचवाड़ा गांव के लोगों को दिखाए गए थे। लेकिन यहां रत्तीभर भी काम नहीं हो पाया। आध्यात्मिक पर्यटन का सपना विवादों की भेंट चढ़ गया ओशो रजनीश का जन्म दिवस है। जहां उन्होंने जन्म लिया था, उस गांव का जायजा लिया, यहां उनके जन्मोत्सव को बड़े सादगी से मनाया गया।


 


हमें कुचवाड़ा गांव निवासी किशोर सिंह रघुवंशी मिले। बोले- यहां विकास नहीं हुआ। ओशो आश्रम की देखरेख करने वालों ने उनके घर पर ताला डालकर रखा है।किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं है। यहां पर अस्पताल भी शुरू हुआ था,।वह भी अब बंद पड़ा है। क्योंकि यहां मुफ्त इलाज करना था,।लेकिन ट्रस्ट से जुड़े स्थानीय लोगों ने डॉक्टर दंपती से कहा कि आप मरीजों से इलाज के पैसे लीजिए। दंपती ने इनकार कर दिया। इसके बाद से अस्पताल भवन खंडहर पड़ा है। कुचवाड़ा निवासी ब्रजेंद्र पटेल ने बताया कि उनके पिता माधव शरण पटेल ने ओशो रजनीश को अमेरिका में चिट्टी भी भेजी थी। जिसमें कुचवाड़ा का विकास करवाने की बात कही थी। लेकिन दो धड़ों में विवाद के कारण विकास नहीं हुआ और अब ओशो रजनीश के जन्म स्थान वाला घर भी खंडहर हो रहा है।
कुचवाड़ा गांव के लोग बताते हैं कि यहां विकास नहीं हुआ। आश्रम की देखरेख करने वालों ने उनके घर पर ताला डालकर रखा है। किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं है। यहां पर अस्पताल भी शुरू नही हुआ ओशो के घर के सामने पहले काफी कीचड़ होता था।, लेकिन डेढ़ साल पहले ही यहां सीसी सड़क बनवाई गई ।लेकिन नियमित साफ सफाई नही होने की वजह से घर के आसपास गन्दगी का अंबार लगा हुआ है। घर के सामने लगी लाइट कोई चुरा ले गया ।
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