Raisen: वर्षा ऋतु में जिले सर्पदंश की घटनाएं बढ़ीं, समय पर नहीं मिल पा रहा पीड़ितों को इलाज
Raisen रायसेन। बारिश के मौसम में जिलेभर में सर्पदंश की घटनाओं में बढ़ोतरी हो गई है। समय पर अगर जहरीले सर्प के डसने से उपचार मिल जाए तो वरना पीड़ितों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ ता है।सर्पदंश का इलाज वास्तम में लाइलाज होता जा रहा है।
17 साल के किशोर की मौत...
नूरगंज के सर्पदंश के शिकार एक 17 वर्षीय किशोर की मौत हो गई। ओबेदुल्लागंज विकासखंड अंतर्गत ग्रामआशापुरी में रहने वाला विकास रविवार की रात जमीन पर सोया हुआ था। इस बीच उसके कान में जहरीले जीव ने काट लिया। इसका एहसास होने पर विकास की नींद खुली। उसने पाया कि उसके कान में सांप ने डंस लिया है। विकास को अस्पताल ले जाने के बजाय परिवार के सदस्यों ने पास में ही जड़ी-बूटी देने वाले एक व्यक्ति के घर पहुंच गया। परिवार ने जड़ी-बूटी से इलाज कराने में काफी समय गुजार दिया। इस बीच किशोर विकास की हालत समय के साथ खराब होने लगी। उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी तब परिवार के सदस्य विकास को लेकर भोपाल के निजी अस्पताल पहुंचे, तब तक लड़के की स्थिति बेहद नाजुक हो गई थी। इलाज के दौरान विकास ने दम तोड़ दिया।
सर्पदंश से होने वाली मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा ....
इस वित्तीय वर्ष अब तक एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत सर्पदंश से हो चुकी है। मौत के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं। समय पर पीड़ित का उपचार नहीं मिलने से मौत तक हो रही है।
क्या कहते हैं डॉक्टर....
जिले के सीएमएचओ डॉ. दिनेश खत्री ,डॉ सौरभ जैन ने बताया कि सर्पदंश से होने वाली मौत का बड़ा कारण जागरूकता की कमी है। मरीज अस्पताल जाने के बजाए बैगा से झाड़फुंक कराने पहुंच जाते हैं। स्थिति खराब होने पर अस्पताल का रूख करते हैं। तब तक सर्पदंश के शिकार मरीज की हालत नाजुक हो गई होती है। डॉक्टरों ने सर्पदंश की स्थिति में पीड़ित को बिना देरी किए अस्पताल पहुंचने की सलाह दी है। डॉक्टर ने बताया कि सर्पदंश के शिकार लोगों की जान बचाने के लिए सेवा में चौबीस घंटे 108 संजीवनी एम्बुलेस उपलब्ध रहती है।