Raisen: जिला आदिम जाति कल्याण विभाग के पांच दैनिक वेतन भोगी विभागीय कर्मचारी कर रहे अधिकारियों को गुमराह
Raisen रायसेन। जिला आदिम जाति कल्याण विभाग रायसेन के पंच दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अपनी नियति कारण की मांग को लेकर परेशान है वे कई सालों से आवेदन पर आवेदन देकर खुद को निर्मित कराए जाने की मांग कर रहे हैं लेकिन विभागीय कर्मचारी गुमराह कर अधिकारियों को गलत जानकारी देने में जुटे हुए हैं। जिससे विवाह के पांच कर्मचारी अपने परिवार के साथ बेहद परेशान है। इसी तरह अल सब संख्या के में पिछड़ा वर्ग व्यवहार रायसेन के बापू आश्रम में पदस्थ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी कमलेश यादव भी नियति कारण के लिए परेशान है ।विभाग की महिला सहायक संचालक भी शासन को गलत जानकारी भेज कर उनकी राह में रोड़ा बनी हुई है ।जिससे कर्मचारी परेशान है इनके नियमितीकरण का मामला उजाला हुआ है ।जबकि उनके साथ के चार-पांच कर्मचारी नियमित हो चुके कई साल बीत गए हैं। लेकिन कमलेश यादव की सुनवाई नहीं की जा रही है उन्होंने भी कलेक्टर अरविंद दुबे से मुलाकात कर अपनी समस्या से अवगत कराया था।
जिला संयोजक जनजातीय कल्याण विभाग रायसेन के विभिन्न छात्रावास में पदस्थ चार कर्मचारी नियमितीकरण के लिए परेशान है ।जबकि उनके साथी नियमित हो चुके हैं और वह मुंह ताक रहे हैं।
यह है नियमितिकरण का मामला....
27 सितंबर 2022 को जिला आदिम जाति कल्याण विभाग रायसेन के जिला संयोजक को लघु वेतन एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ के रायसेन जिलाध्यक्ष रामबाबू लोधी द्वारा कलेक्टर सहित जिला आदिम जाति कल्याण विभाग के अधिकारियों को नींद से जगाने आवेदन पत्र दिए गए।वहीं इन 5 दैनिक वेतन भोगियों को नियमित किए जाने का मुद्दा अधिकारियों के सामने प्रमुखता से उठाया था।20 सितंबर 2019 से लेकर आज तक शिकायतकर्ता कर्मचारियों की इस नियमितीकरण की कोई सुनवाई आज तक नहीं की गई।यह शिकायत सीएम हेल्पलाइन की एल4 लेवल तक पहुंच चुकी है।कर्मचारियों ने यह मामला हाई कोर्ट जबलपुर में भी सुनवाई के लिए रखा गया।हाइकोर्ट के मजिस्ट्रेट द्वारा यह फैसला दिया कि इन पांचों देवभो कर्मचारियों को जल्द ही नियमित किया जाए।हाइकोर्ट जबलपुर ने यह फैसला 05-02-2019 में सुनाया।लेकिन जिला आदिम जाति कल्याण विभाग रायसेन के अधिकारी हाइकोर्ट जबलपुर के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं। इसी तरह आदिम जाति कल्याण विभाग का चौकीदार जलवाहक चंदन सिंह की निमितिकरण को लेकर परेशान है ।4 फरवरी 2019 को उसने कलेक्टर सहित विभाग के अधिकारियों को आवेदन दिया था और आदिम जाति कल्याण विभाग में 1996 से जलवाहक के पद पर कार्यरत है 22 दिसंबर 2017 को उसका संविलियन किया गया। नियुक्ति दिनांक से आज तक उसे निर्मित नहीं किया गया है जिससे वह काफी परेशान।
इनका कहना है....
वर्ष 2019 से इन दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की नियुक्तिकरण का मामला अटका हुआ है ।विभागीय फाइलों में त्रुटि पूर्ण जानकारी कर्मचारियों द्वारा गलत जानकारी दिए जाने की वजह से इनका नियमितीकरण नहीं हो सका है ।आज मैं इस मामले में कलेक्टर अरविंद दुबे को अवगत कराकर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित करूंगा।सीपी सोनी जिला संयोजक आदिम जाति जनजातीय कल्याण विभाग रायसेन