Raisen/Begamganj रायसेन/बेगमगंज: सिर्फ एक दिन में जन सहयोग से 25000 गड्ढे खोद कर 25000 हरेभरे पौधे लगाए गए थे ।लगभग 1000 ग्रामीणों के द्वारा वनरेंज बेगमगंज के सुनहेरा वनबीट के कक्ष क्रमांक 143 जिसका क्षेत्रफल 25 हेक्टर एरिया में फैला है।वहां 2013 से 2014 में जिसकी लागत आई थी 3,68151 रुपये सुल्तानगंज बेगमगंज रोड पर हब्सिली की वीरान बंजर पड़ी पहाड़ी पर आज 23 हजार पेड़ ज़िन्दा है। जिस पर लोगों ने अतिक्रमण कर रखा था ।अतिक्रमण मुक्त कराकर जन भागीदारी से वन संरक्षण एवं संवर्धन योजना के अंतर्गत किया गया था। 25 हेक्टर क्षेत्र में 25000 पौधे लगाए और आज 11 साल बाद 23,000 पेड़ जिंदा है जो जंगल में बदल गए हैं ।जंगल हरियाली और खुशहाली की चादर ओढ़े मेहनत और सफलता की कहानी बयां कर रहा है।जंगल क्षेत्र ,शीशम, पलाश, आमला, पीपल ,एवं बांस के पौधे लगाए गए थे ।जो मौजूदा समय में चौतरफा हरेभरे जंगल में बदलने से हमेशा पंछियों का आना-जाना लगा रहा तो उसकी बीट और पालतू जानवरों के गोबर से नए पौधों ने जन्म लिया।यहां बेरी,सीताफल ,करौंदा ,बहेडा,रूसल्ला और अब बंजर जमीन जो पहाड़ी जंगल में बदल गई जहां जंगली जानवर और पंछियों का अब बसेरा है ।बेगमगंजवनपरिक्षेत्र अधिकारी अरविंद अहिरवार एमएससी से वनस्पति विज्ञान से किया है ।जिसकी वजह से जंगल से उन्हें बचपन से काफी लगाव है ।बिगड़े हुए वनों में जाकर सुधार के लिए बड़े कदम उठाते हैं और नए जंगल खड़ा करने का प्रयास करते हैं ।अपने लग्न निष्ठा और कड़ी मेहनत के बलबूते पर वन परिक्षेत्र में समय-समय पर पेड़ों का उपचार करते हैं ।समय-समय पर औचक निरीक्षण भी करते हैं । में बेशकीमती सागौन ,जंगली इमली
वन परिक्षेत्र बेगमगंज की सुरक्षा अवैध कटाई वन भूमाफियाओं की धर पकड़ पर विशेष ध्यान देते हैं । ताकि जंगली बचा रहे ।
2013 में परिक्षेत्र सहायक जेएस बरेले पदस्थ थे ...
बंजर पड़ी हुई पहाड़ी पर जंगल देखकर खुशी मिलती है ।अब जंगल में जंगली जानवर परिंदों की चहचहाहट सुनाई देती है। यह सब देखकर मन खुश हो जाता है ।बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा था ।एक बार अतिक्रमणकारियों ने 300 खम्बों जब अतिक्रमण की मनसा से तोड़ दिया था ।कई बार ग्रामीण तार काट चुराकर ले गए थे। पर हम सजग और सतर्क थे सावधान थे ।उसकी सुरक्षा फिर की और आज जंगल खड़ा हो गया देखकर मन को प्रसन्नता भी होती है।
डिप्टी रेंजर जे एस बरेले बेगमगंज