भोपाल न्यूज़: कई बिजली उपभोक्ताओं की शिकायत गलत बिलिंग को लेकर होती है. वे दफ्तरों के चक्कर लगाते रहते हैं. ऐसे में समस्या के निराकरण के लिए पोल आधारित उपभोक्ता इंडेक्स का काम शुरू कराया गया है. प्रदेश के प्रत्येक वितरण केंद्र और जोन में रोजाना 10 उपभोक्ताओं से संवाद कर बिजली सेवा की वास्तविक स्थिति का फीडबैक लिया जा रहा है. 25.94 लाख से ज्यादा उपभोक्ताआं से फीडबैक लिया गया है.
प्रदेश में बिजली की उपलब्धता अब 22,730 मेगावाट है. औद्योगिक, वाणिज्यिक आदि व्यावसायिक संस्थानों को 24 घंटे और कृषि उपभोक्ताओं को 10 घंटे बिजली दी जा रही है.
यह बात ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर पत्रकारों के समक्ष अपने विभाग की एक वर्ष की प्रगति का लेखा-जोखा पेश करते हुए कही. पत्रकारवार्ता में बिजली कंपनी के तकनीकी निदेशक डीपीएस यादव एवं मुख्य महाप्रबंधक राजवी कुमार गुप्ता व अन्य अधिकारी मौजूद रहे.
रिंग मैन सिस्टम के तहत 151 करोड़ रुपए ग्वालियर तथा भोपाल में खर्च होंगे. ट्रांसफॉर्मर्स को आकर्षक बनाकर विज्ञापन के भी उपयोग में लेंगे. पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा अमरकंटक ताप विद्युत गृह में 4666 करोड़ से 660 मेगावाट क्षमता की नई इकाई की स्थापना, तीनों वितरण कंपनियों द्वारा पहले चरण में करीब 23 लाख स्मार्ट मीटर लगाना, प्रीपेड स्मार्ट एवं सिस्टम मीटरिंग का कार्य प्रस्तावित है.