ईंट-भट्टे के कारोबार से बढ़ा प्रदूषण, शिकायत के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई
सतना जिले में इन दिनों सैकड़ों की संख्या में अवैध ईंट भट्टे चल रहे हैं। इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से अवैध ईंट भट्टों की संख्या बढ़ती जा रही है।
जनता से रिश्ता वेबडेसक | सतना शहर में चल रहे अवैध ईंट भट्टे शहर की आबोहवा की सेहत बिगाड़ रहे हैं। ईंट भट्टा संचालकों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि ये लोग बड़े पैमाने पर ईंट का निर्माण कर शासकीय व निजी जमीन का खनन करने में लगे हुए हैं।
ईंट भट्टों से हो रहा प्रदूषण
सतना जिले में इन दिनों सैकड़ों की संख्या में अवैध ईंट भट्टे चल रहे हैं। इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से अवैध ईंट भट्टों की संख्या बढ़ती जा रही है। इससे पर्यावरण तो प्रदूषित हो रही रहा है। साथ ही राजस्व को होने वाले आय का भी नुकसान हो रहा है। शिकायत के बाद भी अब तक खनिज विभाग व प्रदूषण विभाग ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। हालांकि कुछ स्थानों में कागजी कार्रवाई कर खानापूर्ति कर ली जाती है।
ईंट भट्टा संचालकों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि ये लोग बड़े पैमाने पर ईंट का निर्माण कर शासकीय व निजी जमीन का खनन करने में लगे हुए हैं। जिले के उचेहरा, अमरपाटन, रामपुर बाघेलान, मैहर, रैगांव, नागौद में अवैध ईंट भट्टा संचालित हो रहा है। जिले में चल रहे अवैध खनिज उत्खनन व परिवहन पर रोक लगाने टास्क फोर्स समिति का गठन किया गया है। लेकिन शायद ही कभी टास्क फोर्स ने कोई कार्रवाई की हो। लेकिन अब अधिकारी ईंट भट्टों का सर्वे कराकर इन्हें आबादी क्षेत्रों से हटाने की बात कह रहे हैं।