Bhopal: मोहन कैबिनेट ने आवास योजना और सेमीकंडक्टर नीति को मंजूरी दी
"स्टायपेंड बढ़ाया"
भोपाल: मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रिमंडल बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0, मध्यप्रदेश सेमीकंडक्टर नीति-2025, मध्यप्रदेश ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025 को मंजूरी दी गई।
इसके अलावा हुकुमचंद मिल के देनदारी निपटान, नवीन परियोजनाओं के क्रियान्वयन और पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालयों के इंटर्नशिप छात्रों के स्टायपेंड में वृद्धि को स्वीकृति दी गई।
यह भी पढ़े - MP News: पुलिस स्टेशन में हनी ट्रैप और रिश्वतखोरी का खुलासा, पुलिसकर्मियों और महिला की मिलीभगत उजागर
कैबिनेट के 7 बड़े फैसले
1. प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 को मंजूरी
प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर, निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए 10 लाख नए आवासों के निर्माण को मंजूरी दी गई। इस योजना पर 50,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
BLC घटक: स्वयं की भूमि पर आवास निर्माण के लिए 2.50 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा।
AHP घटक: नगरीय निकाय, राज्य निर्माण एजेंसियों और निजी बिल्डरों के माध्यम से आवास निर्माण किया जाएगा।
ARH घटक: कामकाजी महिलाओं, औद्योगिक श्रमिकों, बेघर लोगों और छात्रों के लिए किराये के आवास उपलब्ध कराए जाएंगे।
ISS घटक: EWS, LIG और MIG वर्गों को आवास ऋण पर ब्याज अनुदान मिलेगा।
योजना में कल्याणी महिलाओं, दिव्यांगों, वरिष्ठ नागरिकों, ट्रांसजेंडर समुदाय, अनुसूचित जाति-जनजाति, अल्पसंख्यकों और वंचित वर्गों को प्राथमिकता दी जाएगी।
2. मध्यप्रदेश सेमीकंडक्टर नीति-2025 लागू
राज्य में इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए "मध्यप्रदेश सेमीकंडक्टर नीति-2025" लागू की गई।
इस नीति से प्रदेश में 14,400 नए रोजगार सृजित होंगे।
चिप डिजाइन, निर्माण और सिस्टम इंटीग्रेशन में कौशल विकास को बढ़ावा मिलेगा।
निवेश को आकर्षित करने के लिए वैश्विक कंपनियों से साझेदारी की जाएगी।
3. ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025 को मंजूरी
मध्यप्रदेश को ड्रोन टेक्नोलॉजी में अग्रणी बनाने के लिए ड्रोन संवर्धन एवं उपयोग नीति-2025 को स्वीकृति दी गई।
आर्थिक विकास: राज्य में ड्रोन आधारित निवेश बढ़ेगा, जिससे नई नौकरियां पैदा होंगी।
तकनीकी प्रगति: ड्रोन तकनीक में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।
कृषि सुधार: फसल निगरानी और सिंचाई प्रबंधन में ड्रोन का उपयोग किया जाएगा।
आपदा प्रबंधन: ड्रोन की मदद से तेजी से राहत और बचाव कार्य संभव होंगे।
पर्यावरण संरक्षण: वन्यजीव निगरानी, प्रदूषण नियंत्रण और वनों के प्रबंधन में ड्रोन की सहायता ली जाएगी।
4. हुकुमचंद मिल के नवीनीकरण को मंजूरी
इंदौर की हुकुमचंद मिल की 17.52 हेक्टेयर भूमि पर नवीन परियोजनाओं के क्रियान्वयन की स्वीकृति दी गई।
यहां शॉपिंग मॉल, मार्केट, ऑफिस स्पेस और आवासीय क्षेत्र विकसित किया जाएगा।
परियोजना पर 5,100 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
इस योजना से 10,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होंगे।
निर्माण से 400 करोड़ रुपये का जीएसटी राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है।
5. पशु चिकित्सा इंटर्नशिप स्टायपेंड बढ़ा
प्रदेश के जबलपुर, महू और रीवा के पशु चिकित्सा विज्ञान एवं पशुपालन महाविद्यालयों में इंटर्नशिप कर रहे छात्रों की स्टायपेंड राशि में वृद्धि को मंजूरी दी गई।
स्टायपेंड ₹7,600 से बढ़ाकर ₹10,000 किया गया।
इसमें राज्य अंश ₹4,600 से बढ़ाकर ₹7,000 किया गया।
इस फैसले से पशु चिकित्सा क्षेत्र के छात्रों को आर्थिक संबल मिलेगा।
6. नगरीय विकास परियोजनाओं को बढ़ावा
बड़े शहरों को मलिन बस्ती मुक्त करने के लिए PPP मॉडल पर योजनाएं लागू होंगी।
भूमिहीन गरीबों को पट्टा उपलब्ध कराने और ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए किफायती आवास निर्माण की योजना बनाई गई।
सरकारी योजनाओं के लिए 50,000 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित।
7. नई औद्योगिक एवं बुनियादी ढांचा परियोजनाएं
इंदौर की नगर विकास योजना 2021 के तहत 2.08 लाख वर्ग मीटर आवासीय क्षेत्र और 3 लाख वर्ग मीटर वाणिज्यिक क्षेत्र विकसित किया जाएगा।
इन परियोजनाओं से 83 लाख मानव-दिवस रोजगार और 8000-10,000 नियमित नौकरियां सृजित होंगी।
स्टाम्प शुल्क और अन्य करों से सरकार को 1200 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा।
मोहन कैबिनेट की इस बैठक में लिए गए फैसले आवास, शिक्षा, उद्योग, कृषि और तकनीकी क्षेत्र में बड़े सुधार लाने वाले हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 के तहत 10 लाख नए आवास, ड्रोन नीति, सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा और हुकुमचंद मिल परियोजना जैसे निर्णय प्रदेश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।