Patna: आयुष चिकित्सक अंग्रेजी दवा लिखने को मजबूर

आयुष की दवा उपलब्ध नहीं

Update: 2024-08-22 04:50 GMT

पटना: पीएचसी, यूपीएचसी से लेकर सदर अस्पताल में आयुष की दवा उपलब्ध नहीं होने से आयुष चिकित्सक अंग्रेजी की दवा लिखने को मजबूर हैं. जबकि राज्यभर के अलग-अलग अस्पतालों में हाल ही में लगभग तीन हजार आयुष चिकित्सकों की तैनाती की गई है.

भभुआ जिले में हाल ही तैनात आयुष चिकित्सक अनिल झा (बदला नाम), पूर्णिया में तैनात नीलम कुमारी (बदला नाम) ने बताया कि उन लोगों ने आयुर्वेद में ही पीजी तक की पढ़ाई की है. आयुर्वेदिक दवाइयों के बारे में ज्ञान भी अच्छा है, लेकिन अब हम एलोपैथ की दवा लिख रहे हैं. बताया कि उनके अस्पताल में आयुर्वेदिक दवाइयों की उपलब्धता नहीं है. बताया कि अपने-अपने प्रभारी से इस संबंध में बात भी की गई है, लेकिन वे लोग भी आयुर्वेदिक दवाइयों की आपूर्ति करने में अक्षम हैं. उनका कहना है कि बीएमएसआईसीएल के राज्यभर के सामान्य अस्पतालों में एलोपैथ की ही दवा की आपूर्ति होती है. जब आयुर्वेद की होगी तभी इसकी दवा लिखी जा सकती है.

आयुष चिकित्सकों ने कहा, इंटर्नशिप का ज्ञान आ रहा काम: आयुष चिकित्सकों का कहना है कि इंटर्नशिप के दौरान तीन महीने से लेकर छह माह तक एलोपैथिक अस्पतालों अथवा मेडिकल कॉलेज में उन लोगों ने इंटर्नशिप कोर्स किया है. इस दौरान अर्जित ज्ञान अब काम आ रहा है. सर्दी, खांसी, बुखार, डायरिया जैसी सामान्य बीमारियों का इलाज वे लोग एलोपैथिक दवाइयों से कर सकते हैं, लेकिन गंभीर बीमारियों की दवाइयां लिखने में हिचक होती है. दवाइयां उपलब्ध कराने की जरूरत है.

सम्मान समारोह का हुआ आयोजन: बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के सभाकक्ष में डीपीओ पटना श्यामनंदन की सेवानिवृत्ति के उपरांत अभिनन्दन व सम्मान समारोह का आयोजन हुआ. मौके पर पटना डीईओ सहित सभी डीपीओ को भी सम्मानित किया गया. कामेश्वर सिंह संस्कृत विवि दरभंगा के पूर्व कुलपति डॉ. अरविन्द कुमार पांडेय बतौर उद्घाटनकर्ता मौजूद रहे. नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. डॉ समीर कुमार शर्मा बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे.

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