भोपाल: मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव को निरस्त कर दिया गया है. शिवराजसरकार राज्यपाल को भेजेगी प्रस्ताव.
सुप्रीम कोर्ट में 3 जनवरी को सुनवाई होगी.
पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अब 3 जनवरी को सुनवाई होगी. आरक्षण और रोटेशन से शुरू हुई पंचायत चुनाव की लड़ाई ओबीसी आरक्षण तक पहुंची और सरकार के गले की फांस बन गई. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रदेश की ओबीसी सीटों को सामान्य किया जाना था, लेकिन सरकार ने बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव न कराने का संकल्प विधानसभा में ले लिया.
गौरतलब है कि प्रदेश का बड़ा ओबीसी वर्ग सरकार की तरफ उम्मीदों से भरी निगाहों से देख रहा है. सरकार ने भले ही ओबीसी वर्ग को आरक्षण से वंचित नहीं किया हो, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय के आदेश ने पंचायत चुनाव से जुड़े 70 हजार ओबीसी वर्ग के प्रत्याशियों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश में सियासी उठापटक का दौर चलने लगा. विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार ने संकल्प पारित कर अपना रुख स्पष्ट किया.