अब मध्य प्रदेश में महिलाएं चलाएंगी गांव की सरकार, सर्वसम्मति से फैसला

मध्य प्रदेश में समरस पंचायत को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की अपील का बड़ा असर देखने को मिल रहा है।

Update: 2022-06-08 06:00 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मध्य प्रदेश में समरस पंचायत को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की अपील का बड़ा असर देखने को मिल रहा है। प्रदेश के दमोह जिले की कुंवरपुर खेजरा ग्राम पंचायत में सरपंच के साथ सभी 17 पंच निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं। आश्चर्यजनक बात यह थी कि सरपंच के अलावा इस ग्राम पंचायत की अन्य सभी सीटें अनारक्षित थीं लेकिन यहां किसी भी सीट पर किसी पुरुष ने नामांकन नहीं किया और सभी 17 पदों पर महिलाओं का निर्विरोध निर्वाचन हुआ।

बीते पंचायत चुनाव में इसी ग्राम पंचायत से सोमेश गुप्ता ने सरपंच का चुनाव जीता था। सोमेश ने प्रदेश में सबसे ज्यादा मतों से यह चुनाव जीता था। जिसके बाद सोमेश को सरपंच संघ का प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया गया था। बीते चुनाव में कुल पड़े 1580 वोटों में सोमेश को 1512 वोट हासिल हुए थे। इस बार के पंचायत चुनाव में उनकी पत्नी मीना ने निर्विरोध जीत हासिल की है।
सोमेश ने किया था अंतरजातीय विवाह
आपको बता दें कि कुंवरपुर खेजरा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी। सोमेश ने अंतरजातीय विवाह किया था, जिसके चलते अनुसूचित जाति से आने वाली उनकी पत्नी मीना ने इस बार नामांकन किया था। खास बात यह थी कि नामांकन से पहले ही गांववालों ने सर्वसम्मति से तय कर लिया था कि इस बार ग्राम पंचायत में सरपंच समेत सभी पंच निर्विरोध ही चुने जाएंगे।
समरस पंचायत पर सीएम शिवराज ने किए थे ये ऐलान
आपको बता दें कि बीते दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समरस पंचायत को लेकर बड़ा ऐलान करते हुए कई घोषणाएं की थीं। सीएम शिवराज ने कहा था कि जिन ग्राम पंचायतों में सरपंच निर्विरोध निर्वाचित होंगे, उन्हें 5 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। इसके अलावा सरपंच पद के लिए वर्तमान निर्वाचन व पिछला निर्वाचन लगातार निर्विरोध होने पर 7 लाख और सरपंच-पंच के सभी पदों पर महिलाओं का निर्वाचन निर्विरोध रूप से होने पर 15 लाख रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की गई थी।

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