शहर में शामिल गांवों की संपत्तियों के नामांतरण के लिए अब नहीं लगेगी ऋण पुस्तिका

Update: 2023-05-29 05:12 GMT

इंदौर न्यूज़: 45 सालों में शहर में शामिल हुए गांवों की जमीनों और संपत्तियों के नामांतरण के लिए अब कलेक्टर कार्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे. नामांतरण के लिए अब रजिस्ट्री, ऋण पुस्तिका के दस्तावेज नगर निगम को नहीं देने होंगे. उसके बगैर ही निगम में संपत्तियों का नामांतरण हो जाएगा.

शहर में पूर्व में शामिल 10 गांव के साथ ही 2015 में मिले 29 गांवों के आबादी क्षेत्र (गांवठान) के रहवासी और यहां के लोगों को अपनी संपत्तियों के नामांतरण में काफी दिक्कत आती थी. इससे जुड़ा रिकॉर्ड निगम के पास नहीं था. इसको लेकर निगम के राजस्व विभाग प्रभारी निरंजन सिंह चौहान और अपर आयुक्त अभिषेक गेहलोत ने इनका रिकॉर्ड कलेक्टर कार्यालय से मांगा था. वहां से ये जानकारी निगम को भेज दी. अपर आयुक्त राजस्व ने सभी सहायक राजस्व अधिकारी (एआरओ) को चिट्ठी जारी की है. इसमें कहा गया है कि सभी 39 ग्रामों में आबादी खसरों के तहत आने वाली संपत्तियों के संपत्तिकर खातों में दर्ज नाम के स्थान पर वारिस नाते नामांतरण की कार्यवाही में स्वामित्व संबंधी अन्य दस्तावेजों की मांग न की जाए. इनके बगैर ही वैधानिक प्रक्रिया से नामांतरण किया जाए.

कलेक्टोरेट के पास की बैकलेन में गंदगी

स्वच्छता सर्वे अगले माह शुरू हो सकता है. सातवीं बार स्वच्छता में नंबर वन के लिए ठोस प्रयास नहीं हो रहे हैं. कलेक्टर कार्यालय के पास ही मोती तबेला की गली नंबर एक और दो की बैकलेन में कचरा पड़ा है. संकट मोचन हनुमान मंदिर के पास से लेकर छात्रावास तक के हिस्से में बैकलेन गंदी है. यहां अतिक्रमण भी है, जिससे सड़क का उपयोग नहीं हो रहा है.

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