प्रकृति ही भगवान भगवान ही प्रकृति: पंडित Kamlesh Sharma

Update: 2024-09-30 11:09 GMT
Nagda नागदा: जीवाजी नगर स्थित नर्मदेश्वर शिव मंदिर पर भागवत कथा के पांचवें दिन पंडित कमलेश शर्मा द्वारा भक्तों को बताए गए की भागवत ऐसा ग्रंथ है जिसमें प्रकृति के दर्शन और जीवन कैसे दिया जाए हमें सिखाती है श्री कृष्ण द्वारा बाल लीला पूतना वध और इंद्र का जो अहंकार था उसको तोड़ना श्री कृष्ण के कहने पर समस्त मथुरा निवासियों ने अनेक प्रकार की व्यंजन बनाकर गिरिराज की पूजा कर राजा इंद्र को संदेश दिया कि हमारे गिरिराज भगवान की हमारी रक्षा करेंगे जब इंद्र का अहंकार था इतनी वर्षा की की कृष्ण को अपनी उंगली पर गिरीराज को धारण कर समस्त मथुरा वासियों की रक्षा की इंद्र को हार मानना पड़ी और भगवान कृष्ण से क्षमा याचना की कृष्ण ने भी इंद्र को माफ कर दिया पंडित शर्मा ने बताया कि प्रकृति से बड़ा कोई नहीं स्वयं भगवान कहते हैं प्रकृति ही भगवान ने
पर
भगवान ही प्रकृति है| 
इसलिए अधिक से अधिक हमें वृक्ष भी लगाना चाहिए ताकि प्रकृति का संतुलन बना रहे आज की कथा में मुख्य जजमान  मालती सुभाष गुप्ता  शिखा मनीष गुप्ता ने भागवत व्यास पूजा की आरती में प्रमुख रूप से हिंदू जागरण मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष भेरूलाल टांक सामाजिक समरसता मंच के संयोजक गिरधारी लाल शेखावत नरेंद्र सिंह सिंगर परिवार कुशवाहा परिवार पूर्व पार्षद सामाजिक कार्यकर्ता सी एल वर्मा अजय अजय पंड्या सत्यनारायण परमार कान्हा सोलंकी सिसोदिया परिवार के साथ बड़ी संख्या में महिला पुरुषों ने भागवत कथा श्रवण एवं आरती प्रसादी का लाभ लिया कथा स्थल पर रात्रि को सुंदरकांड पाठ भी संपन्न हुआ जिसमे बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। बाद प्रसाद वितरित की गई।
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