ग्वालियर-चंबल संभाग के लिये नए आकर्षण का केन्द्र बनेगी मुरार नदीः सिंधिया

Update: 2023-03-03 09:11 GMT

ग्वालियर: मुरार नदी का सौंदर्यीकरण एवं जीर्णोद्धार में स्थानीय पत्थर का इस्तेमाल करें, जिससे ग्वालियर की पहचान स्थापित हो। रमौआ बाँध से लेकर जड़ेरूआ बाँध तक मुरार नदी ग्वालियर व चंबल संभाग के लिये नवीन आकर्षण का केन्द्र बनेगी। इसलिए सभी कार्य उच्च तकनीक, गुणवत्ता एवं स्थानीय पहचान को ध्यान में रखकर कराए जाएँ।

यह निर्देश केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को “नमामि गंगे” प्रोजेक्ट के तहत हो रहे मुरार नदी के सौंदर्यीकरण एवं जीर्णोद्धार कार्यों के निरीक्षण के दौरान संबंधित अधिकारियों को दिए। उन्होंने इस मौके पर रमौआ बाँध एवं उसकी डाउन स्ट्रीम में नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत किए जा रहे मुरार नदी के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने नदी के दोनों ओर सौंदर्यीकरण कार्य के साथ-साथ पर्यटकों के बैठने के लिये स्टोन की बैंच लगाने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि ग्वालियर क्षेत्र के पत्थर का उपयोग सौंदर्यीकरण कार्य में किया जाए। श्री सिंधिया ने प्रथम चरण में किए जा रहे कार्यों की नक्शे के माध्यम से भी विस्तारपूर्वक जानकारी ली।

इस अवसर पर बीज एवं फार्म विकास निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल, भाजपा जिला अध्यक्ष अभय चौधरी व प्रदेश कार्य समिति के सदस्य आशीष प्रताप सिंह राठौर सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण तथा कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित सांघी, नगर निगम आयुक्त किशोर कान्याल, मुख्य अभियंता जल संसाधन आरपी झा एवं नमामि गंगे प्रोजेक्ट व मुरार नदी जीर्णोद्धार कार्य से जुड़े अधिकारी मौजूद थे।

पहले चरण के सौंदर्यीकरण कार्य जारी और दूसरे चरण की डीपीआर तैयार

केन्द्रीय मंत्री सिंधिया द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान जानकारी दी गई कि प्रथम चरण में मुरार नदी के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण के लिये नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत लगभग 39 करोड़ रुपये की राशि मंजूर हुई है। जिसमें से 22 करोड़ रुपये की लागत से तीन किलोमीटर लम्बाई में वर्तमान में कार्य कराए जा रहे हैं। जिसमें पाँच स्थानों पर सौंदर्यीकरण कार्य, नदी की सफाई व नेचुरल लाइनिंग सहित अन्य सौंदर्यीकरण कार्य कराए जा रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि द्वितीय चरण की डीपीआर को भी जल्द मंजूरी दिलाई जायेगी। लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से यह डीपीआर तैयार हुई है, जिसके तहत मुरार नदी की शेष नौ किलोमीटर लम्बाई में सौंदर्यीकरण व जीर्णोद्धार कार्य कराए जाएंगे।

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