MP बजट: वित्त वर्ष 2024-25 के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 21,444 करोड़ रुपये प्रस्तावित
Bhopal भोपाल: मध्य प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य का बजट पेश किया जिसमें स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 21,444 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं । राज्य के वित्त मंत्री देवड़ा ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए स्वास्थ्य क्षेत्र का बजट पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के बजट अनुमान से 34 फीसदी अधिक है। राज्य विधानसभा में बजट पेश करते हुए मंत्री देवड़ा ने कहा, ''स्वास्थ्य मानव जीवन की पूंजी है। हमारी सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं में लगातार निवेश बढ़ा रही है। मैंने अपने पिछले बजट भाषण में कहा था कि हमारी सरकार राज्य में भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक (आईपीएचएस) के मानकों को लागू करेगी। मुझे सदन को यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इन मानकों के पालन की दिशा में हमारी सरकार ने 46,000 से अधिक नए पद सृजित किए हैं वर्ष 2003 में प्रदेश में मात्र पाँच शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संचालित थे। राज्य सरकार के अथक प्रयासों से वर्तमान में 14 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संचालित हैं। वर्ष 2024-25 में तीन और शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय मंदसौर, नीमच और सिवनी में संचालित किए जाएंगे।
इसके बाद राज्य सरकार आगामी दो वर्षों में आठ और शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संचालित करने का प्रयास कर रही है। स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए कुल बजट में से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम/एनआरएचएम) के लिए 4500 करोड़ रुपए, 15वें वित्त आयोग की अनुशंसाओं पर स्वास्थ्य क्षेत्र को अनुदान के लिए 2104 करोड़ रुपए , जिला/सिविल अस्पताल एवं औषधालयों के लिए 1680 करोड़ रुपए तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना एवं संचालन के लिए 1413 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
इसी प्रकार प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ( आयुष्मान भारत ) के लिए 981 करोड़ रुपए, उप स्वास्थ्य केन्द्र के लिए 668 करोड़ रुपए, मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता के लिए 500 करोड़ रुपए, आशा कार्यकर्ताओं को अतिरिक्त प्रोत्साहन के लिए 490 करोड़ रुपए तथा प्रदेश में आयुष्मान भारत (गैर एसईसीसी लाभार्थी) के लिए 400 करोड़ रुपए का प्रावधान है। साथ ही बहुउद्देशीय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के लिए 365 करोड़ रुपए, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अधोसंरचना मिशन के लिए 350 करोड़ रुपए, सामुदायिक स्वास्थ्य/उप स्वास्थ्य/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण के लिए 326 करोड़ रुपए, सर्दी-बुखार के लिए 252 करोड़ रुपए तथा अस्पतालों एवं औषधालयों के भवन निर्माण के लिए 250 करोड़ रुपए का प्रावधान है। इसके साथ ही निर्देशन एवं प्रशासन के लिए 195 करोड़ रुपए, विभागीय परिसम्पत्तियों के रख-रखाव के लिए 121 करोड़ रुपए तथा स्वास्थ्य संस्थाओं की सुरक्षा एवं साफ-सफाई के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान है।
इसके अलावा आयुष (आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध एवं होम्योपैथी) अस्पताल एवं औषधालय के लिए 405 करोड़ रुपए, आयुष महाविद्यालय के लिए 115 करोड़ रुपए तथा राष्ट्रीय आयुष मिशन के लिए 102 करोड़ रुपए का प्रावधान है। साथ ही चिकित्सा शिक्षा के लिए चिकित्सा महाविद्यालय एवं संबद्ध अस्पतालों के लिए 2452 करोड़ रुपए, रतलाम/दतिया/शिवपुरी एवं सतना चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए 631 करोड़ रुपए, नए चिकित्सा महाविद्यालयों (राज्य अनुदान प्राप्त) के निर्माण के लिए 400 करोड़ रुपए तथा नए चिकित्सा महाविद्यालयों की स्थापना के लिए 400 करोड़ रुपए का प्रावधान है। साथ ही चिकित्सा महाविद्यालयों में पीजी पाठ्यक्रमों को सुदृढ़ करने के लिए 201 करोड़ रुपए, पीएमएसएसवाई योजना के अंतर्गत सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल (राज्य अनुदान प्राप्त) की स्थापना के लिए 120 करोड़ रुपए, एमबीबीएस सीटों में वृद्धि के लिए 115 करोड़ रुपए, चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के लिए 101 करोड़ रुपए तथा छिंदवाड़ा आयुर्विज्ञान संस्थान के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रावधान है। राज्य सरकार ने भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए भी प्रावधान किया है और गैस राहत स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 145 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं। (एएनआई)