Motihari: जिले में होगी कालाजार मरीजों की खोज

सरकार द्वारा रोगी को मिलती है आर्थिक सहायता

Update: 2024-11-28 07:24 GMT

मोतिहारी: जिले में कालाजार मरीजों की खोज के लिए अभियान चलाया जाएगा.अभियान के तहत आशा घर-घर जाकर कालाजार मरीजों की खोज करेंगी.कार्यक्रम के सफल संचालन को लेकर बीएचआई, भीबीडीएस, कैंप इंचार्ज को पिरामल कार्यालय में प्रशिक्षण दिया गया.जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ.डी.एस सिंह ने बताया राज्य सरकार के निर्देशानुसार कालाजार उन्मूलन के लिए वर्ष में चार चक्र में घर-घर कालाजार के संभावित रोगों की खोज करने का प्रावधान है.जिसके तहत जिले में यह अभियान 20 से 30 तक चलेगा.

आशा कार्यकर्ता के द्वारा घर-घर जाकर कालाजार रोगियों की खोज की जाएगी.कालाजार प्रभावित प्रखंडों में प्रतिवेदित कालाजार मरीजों के घर के 500 मीटर के परिधि में (200 से 250 घर ) अवस्थित घर घर जाकर वीएल, एचआईभी-पीकेडीएल रोगी की खोज जाएगी.क्षेत्र में अभियान की सफलता को लेकर प्रचार-प्रसार किया जाएगा.

हर पीएचसी पर मुफ्त जांच सुविधा उपलब्ध जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने बताया हर पीएचसी पर कालाजार जांच की सुविधा उपलब्ध है.कालाजार की किट (आरके-39) से 10 से 15 मिनट के अंदर टेस्ट हो जाता है.हर सेंटर पर कालाजार के इलाज में विशेष रूप से प्रशिक्षित एमबीबीएस डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी उपलब्ध हैं.

सरकार द्वारा रोगी को मिलती है आर्थिक सहायता डॉ. सिंह ने बताया कालाजार से पीड़ित रोगी को मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में पैसे भी दिए जाते हैं.बीमार व्यक्ति को 6600 रुपये राज्य सरकार की ओर से और 500 रुपए केंद्र सरकार की ओर से दिए जाते हैं.यह राशि वीएल (ब्लड रिलेटेड) कालाजार में रोगी को प्रदान की जाती है.वहीं चमड़ी से जुड़े कालाजार (पीकेडीएल) में 4000 रुपये की राशि केंद्र सरकार की ओर से दी जाती है.जिले में लगातार छिड़काव के कारण कालाजार उन्मूलन के लिए भारत सरकार का जो मानक है उसे प्राप्त किया जा चुका है.मरीजों की संख्या शून्य करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है.

जिले में वर्ष 2009 में 730 मरीज, 2010 में 630, वर्ष 2011 में 538, वर्ष 2012 में 415, वर्ष 2013 में 321, वर्ष 2014 में 256, वर्ष 2015 में 187, मरीज 2016 में 108, मरीज, 2017 में 85 मरीज, 2018 में 50, 2019 में 31,और 2020 में वीएल के -23,पीकेडीएल के -1,एचआईवी/वीएल के -2, 2021 में वीएल के -16,पीकेडीएल के -4,एचआईवी/वीएल के -3, 2022 में वीएल के -15,पीकेडीएल के -10 एचआईवी/वीएल के -0, वर्ष 2023 में पीकेडीएल -6, एचआईवी-1, वीएल-1वहीं वर्ष 2024 में अब तक पीकेडीएल -6, एचआईवी-0, वीएल-0 मरीज कालाजार के मिले हैं.

राजश्री किरण बिहार राज्य का दूसरी बार सर्वसम्मति महासचिव निर्वाचित

मधुबनी,नगर संवाददाता.बिहार महिला समाज का राज्य सम्मेलन को संपन्न हुआ.11 सदस्यीय कार्यकारिणी एवं 51 सदस्यीय परिषद का सर्वसम्मति गठन हुआ.निवर्तमान अध्यक्ष को संगठन का मुख्य संरक्षक के साथ 5 सदस्यीय एक संरक्षकमंडल बनाए गए.निवेदिता झा राज्य अध्यक्ष एवं राजश्री किरण सर्वसम्मति दूसरी बार राज्य महासचिव निर्वाचित हुई.पूर्व एमएलसी उषा सहनी, अधिवक्ता प्रीती झा, हदीशा खातून एवं अनिता मिश्रा को उपाध्यक्ष तथा ललिता कुमारी, रिंकू कुमारी, किरण प्रकाश एवं अनिता शर्मा सचिव निर्वाचित हुईं.अवकाश प्राप्त प्रो चंदना झा को संगठन की कोषाध्यक्ष निर्वाचित हुईं.उक्त बातें सीपीआई कार्यालय मधुबनी में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए सम्मेलन के आयोजन कर्ता सीपीआई के जिला मंत्री मिथिलेश झा ने कही.मथिलेश झा ने कहा बिहार महिला समाज का यह सम्मेलन मधुबनी सहित सम्पूर्ण बिहार में एक निर्णायक आंदोलन करने का फैसला लिया है.नव निर्वाचित महासचिव राजश्री किरण ने कहा आगामी बजट सत्र में 25 मार्च 2025 को बिहार विधान सभा मार्च का आंदोलन करने का फैसला लिया गया है.प्रेस वार्ता में पार्टी जिला परिषद सदस्य मंतोर देवी, शांति देवी, हरीनाथ यादव, सत्यनारायण राय, मोतीलाल शर्मा सहित अन्य लोग उपस्थिति थे.

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