बगैर परमिट और फिटनेस के मौत बनकर सड़क पर दौड़ रही बस मिनी बसे, बसों में नहीं मिले आग बुझाने के इंतजाम

Update: 2024-05-22 12:58 GMT
रायसेन। विगत छह माह से एक के बाद एक दुर्घटनाएं नेशनल हाईवे 12 जयपुर जबलपुर नेशनल हाईवे 69 नेशनल हाईवे 146 और उसके आसपास हो रही हैं जिसमें निर्दोष लोगों की जान चली गई हैं। इसके बाद भी कई बस संचालक सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। बगैर परमिट और फिटनेस के बसों का संचालन बड़ी तेजी से हो रहा है। इसकी वजह ये है कि इनमें से अधिकतर बसें या तो सत्ता धारी सरकारों से जुड़े नेताजी की हैं या पुलिस के अधिकारियों की। कई बसों के संचालक इतने प्रभावशाली हैं कि जिनके प्रभाव के चलते बगैर परमिट व फिटनेस वाली बसों पर कार्रवाई करने का साहस परिवहन विभाग के अधिकारी नहीं कर पा रहे हैं।
ये दिखा नजारा......
मंगलवार को जब कुछ मीडिया कर्मियों की टीम नए बस स्टैंड सागर भोपाल रायसेन के अस्थाई बस स्टैंड महामाया चौक के अस्थाई बस स्टैंड पहुंची तो वहां तीस-पैंतीस बसें आड़ी-तिरछी खड़ी हुई मिली। इनमें दस से बारह बसों में टीम ने अलग-अलग चढ़कर फस्ट एड बॉक्स देखा, स्टाफ से पूछा तो उन्होंने तपाक से मना कर दिया, हमें जरूरत ही नहीं पड़ती। इसके साथ ही एक ट्रैवल्स कंपनी बस सर्विस की एक बस यहां खड़ी थी, जिसको देखा तो बाहर से उसका पूरा कलर उड़ गया था। एक-दो शीशे टूटे हुए मिले। इसके अलावा इसकी अधिकतर सीटें फटी हुई थीं। वहीं दो-तीन बसें ऐसी थीं, जिनमें आगे-पीछे के नबर स्पष्ट दिखाई नहीं दे रहे थे। वहीं परिवहन विभाग के नियमानुसार महिला, दिव्यांग या वरिष्ठ नागरिक के लिए भी सीटें आरक्षित नहीं मिलीं। सांची विदिशा गैरतगंज भोपाल और बैरसिया जाने वाले आदित्य सिंह, बलराम पटेल जैसे लोगों का कहना था कि हादसे के समय ही पुलिस और प्रशासन जागता है, समय-समय पर जांच-पड़ताल चले तो बगैर परमिट और बगैर लाइसेंस वाले चालकों की पोल खुल जाएगी।
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