Malmas: मकर संक्रांति पर्व के बाद शुरू होंगे मांगलिक कार्य

Update: 2024-12-17 12:17 GMT
Raisen रायसेन। अब मकर संक्रांति पर्व के बाद होंगे मांगलिक कार्य।महीनेभर लगा रहेगा विवाह की शहनाई पर ब्रेक।धर्मशास्त्री पंडित ओमप्रकाश शुक्ला पंडित राममोहन चतुर्वेदी, ज्योतिषाचार्य पं. राजेश व्यास देवनगर ने बताया कि 14 मार्च के बाद में मीन संक्रांति आरंभ होगी। यह भी मलमास की श्रेणी में आता है। 14 मार्च से 14 अप्रैल के बीच अलग-अलग प्रकार के साधना-उपासना का अनुक्रम रहेगा। 14 अप्रेल के बाद पुन: मांगलिक कार्य की रूपरेखा शुरू होगी। मलमास में श्रद्धालु तिल, तेल और गुड़ से बनी खाद्य वस्तुओं सहित गर्म वस्त्रों, कंबल आदि का दान-पुण्य करेंगे। धूणों पर अलाव तापने के लिए लकड़ियां गोबर के उपले आदि का दान पुण्य भी होगा।
मलमास शुरू. ..धार्मिक कथाएं अनुष्ठान प्रारंभ
अब एक महीने तक विवाह आदि मांगलिक कार्य निषेध रहेंगे। मलमास रविवार से शुरू होने के साथ ही विवाह-शादियों पर एक महीने के लिए ब्रेक लग गया हैं। सनातन धर्म की मान्यता अनुसार मलमास में विवाह और मांगलिक कार्यक्रम निषेध रहेंगे। ऐसे में अब 14 जनवरी के बाद ही शादियों के मुहूर्त है। मलमास के दौरान धार्मिक कथाओं, धार्मिक अनुष्ठानों सहित दान-पुण्य के आयोजन होंगे। मकर संक्रांति से फिर से मांगलिक कार्यक्रम का क्रम प्रारंभ होगा।
मलमास का महत्व.....
विद्वान पंडितों के अनुसार मलमास का विशेष महत्व है। सूर्य मेष आदि राशियों में भ्रमण करते करते 15 दिसबर की रात्रि को 10.21 बजे धनु राशि में प्रवेश किया । इस समय में सभी शुभ कार्य विवाह, यज्ञोपवीत, गृह प्रवेश, नींव पूजन, नए प्रतिष्ठान का शुभारंभ आदि निषेध रहेंगे। 14 जनवरी को मकर संक्रांति पर्व मनाया जाएगा।इसके बाद मांगलिक कार्य पुन: प्रारंभ होंगे।
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