मध्य प्रदेश में झमाझम बारिश से प्रमुख नदियां उफान पर, खोले गए कई बांधों के गेट, जानें मौसम पूर्वानुमान

मानसून के सक्रिय रहने के चलते मध्य प्रदेश में राजधानी भोपाल सहित अनेक स्थानों पर झमाझम बारिश होने के कारण नर्मदा सहित अन्य प्रमुख नदियां एवं नाले उफान पर बह रहें हैं।

Update: 2022-07-25 03:37 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मानसून के सक्रिय रहने के चलते मध्य प्रदेश में राजधानी भोपाल सहित अनेक स्थानों पर झमाझम बारिश होने के कारण नर्मदा सहित अन्य प्रमुख नदियां एवं नाले उफान पर बह रहें हैं। वहीं, राजधानी भोपाल के भदभदा और कलियासोत डैम सहित अनेक स्थानों पर बांध के गेट खोल दिए गए हैं।

मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश के 52 जिलों में से आठ जिलों में मूसलाधार बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि 16 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। पिछले 24 घंटों में प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बारिश दर्ज की गई, जिससे नर्मदा, पार्वती बेतवा एवं अन्य नदियों पर बनाये गए 52 प्रमुख बांधों में से 14 बांधों के कुछ गेट खोल कर पानी छोड़ा जा रहा है और नदी के आसपास रहने वाले लोगों को सुरक्षा हेतु सतर्क कर दिया गया है।
आठ जिलों में भारी बारिश की संभावना
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार मध्य प्रदेश के आठ जिलों भोपाल, सीहोर, रायसेन, राजगढ़, विदिशा, गुना, आगर मालवा एवं शाजापुर जिलों में अगले 24 घंटों में कहीं-कहीं पर भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है। आईएमडी ने इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसमें कहा गया है कि इस दौरान इन आठ जिलों में 115.6 मिलीमीटर या उससे अधिक बारिश हो सकती है । इसके अलावा, मौसम विभाग ने प्रदेश के 16 जिलों बैतूल, नर्मदापुरम, हरदा, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, शिवपुरी, श्योपुर, नीमच, मंदसौर, खंडवा, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट एवं नरसिंहपुर जिलों में इस दौरान कहीं-कहीं पर अधिक से बहुत अधिक वर्षा की संभावना जताते हुए यलो अलर्ट जारी किया है। इसमें कहा गया है कि इस दौरान इन 16 जिलों में 64.5 मिलीमीटर से 204.4 मिलीमीटर तक वर्षा होने का अनुमान है।
यहां हुई इतनी बारिश
मौसम विभाग के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के रेहटी में सर्वाधिक 27 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि भीमपुर में 19 सेंटीमीटर, हरदा में 15 सेंटीमीटर, चिंचोली, सिवनीमालवा, खातेगांव एवं डोलरिया में 14-14 सेंटीमीटर, सतवास एवं खिरकिया में 13-13 सेंटीमीटर, श्यामपुर, बुधनी एवं कन्नौद में 11-11 सेंटीमीटर, नसरूल्लागंज में 10 सेंटीमीटर और इटारसी में नौ सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई।
इन बांधों के गेट खोले गए
मध्य प्रदेश जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता कमलेश रैकवार ने बताया कि प्रदेश की नर्मदा, पार्वती, बेतवा सहित अन्य नदियां उफान पर हैं, लेकिन सभी खतरे के निशान से नीचे बह रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 52 प्रमुख बांधों में से 14 बांधों के आज गेट खोले गए हैं और लबालब हुए इन बांधों से पानी की निकासी की जा रही है। जिन 14 बांधों के गेट खोले गए हैं उनमें ओमकारेश्वर बांध के 18 गेट, इंदिरा सागर बांध के 12, तवा बांध के नौ और राजघाट बांध के आठ गेट शामिल हैं।
खरगोन में बढ़ा नदियों का जलस्तर
दूसरी ओर खरगोन तथा बड़वानी जिलों में मानसून के लगातार सक्रिय रहने तथा बड़े बांधों के गेट खोले जाने को चलते नर्मदा और सहायक नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। प्रशासन ने नागरिकों को सचेत रहने के निर्देश दिए गए हैं। बड़वानी के समीप राजघाट स्थित नर्मदा नदी के पुराने पुल पर जलस्तर खतरे के निशान 123. 600 से बढ़कर 124 मीटर तक पहुंच गया। प्रशासन द्वारा इस पुल को कुछ वर्ष पहले ही उपयोग के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसी तरह इंदिरा सागर बांध के जलाशय से रविवार सुबह 9 बजे बांध के 12 स्पिलवे गेटों से 2004 क्यूमेक्स पानी छोड़ा गया है।
खरगोन में घाट पर जाने पर रोक
खरगोन जिला प्रशासन ने नर्मदा नदी में नाव संचालन तथा श्रद्धालुओं और नगरवासियों का घाटों पर जाना प्रतिबंधित कर दिया है। इस संबंध में इंदिरा सागर पावर स्टेशन के प्रभारी बाढ़ नियंत्रक प्रकोष्ठ अधिकारी ने इसकी सूचना खंडवा देवास खरगोन बड़वानी धार एवं हरदा के जिला कलेक्टरों को दी है ताकि वह नर्मदा नदी के निचले क्षेत्र में जल स्तर की बढ़ोतरी की जानकारी आम जनों को देकर अलर्ट कर सकें। खरगोन जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर भसनेर गांव से देवली गांव जाने के लिए पुल नहीं होने से कृषकों को अपने खेतों के लिए जाने के लिए बैलगाड़ी से, तैरकर या टायर ट्यूब की मदद से जाना होता है। ग्रामीणों ने बताया कि 90 प्रतिशत भसनेर निवासी कृषकों के खेत नदी पार करके देवली गांव में स्थित हैं।
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