मध्यप्रदेश: महिला टीआई को मिली सेवानिवृत्ति की सजा, मामले में 6 अन्य पुलिसकर्मी दोषी
2013 के इस प्रकरण में मिली सजा
जनता से रिस्ता वेबडेसक | मध्यप्रदेश में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें पुलिस अधिकारी को बाध्य सेवानिवृत्ति का दंड मिला है। नौकरी के लिए निर्धारित उम्र के पहले ही उनको सेवानिवृत्त कर दिया गया है। एक पुराने प्रकरण की विभागीय जांच में दोषी पाए जाने पर उनको यह सजा दी गई है। पुलिस मुख्यालय भोपाल में आदेश जारी किया है
मामला मप्र के देवास जिले का है। यहां के बागली थाने में पदस्थ टीआई सुनीता कटारे को बाध्य सेवानिवृत्ति के दंड से दंडित किया गया है। वर्ष २०१३ के प्रकरण की विभागीय जांच के आधार पर यह कार्रवाई की गई है। टीआई कटारे के अलावा प्रकरण में छह अन्य पुलिसकर्मी भी आरोपी है। इनमें से कुछ सेवानिवृत्त हो चुके हैं तो कुछ को अलग ढंग की सजा मिली है। देवास जिले में किसी टीआई को इस तरह की सजा मिलने का संभवत: पहला मामला है।
2013 के इस प्रकरण में मिली सजा
जानकारी के मुताबिक वर्ष 2013 में थाना सायबर भोपाल में आईपीसी 420 एवं आईटी एक्ट की धारा 66 ए एवं 66डी के तहत प्रकरण 498/13 पंजीबद्ध हुआ था। इसमें ईमेल के माध्यम से मिली शिकायत के आधार पर ही प्रकरण दर्ज कर लिया गया था। आवेदन प्राप्ति के पूर्व किसी तरह की जांच भी नहीं की गई। रोजनामचा, आमद रिपोर्ट में भी भिन्नता मिली। बरामद सामग्री का भी उल्लेख नहीं था। आरोपियों को गिरफ्तार करते समय आठ मोबाइल मिले जो बिना जब्ती के वापस उनको सुपुर्द कर दिए गए। तत्कालीन निरीक्षक सुनीता कटारा पर आरोपियों से मुलाकात कर रोजनामचा में गड़बड़ी करने के आरोप हैं।आरोपियों से प्राप्त सामग्री को जब्त किए बिना लाकर उचित आरक्षक के बजाय दूसरे को चाबी सौंप दी। आमद रवानगी में भी भिन्नता रखी। डीएसपी मुख्यालय किरण कुमार शर्मा ने बताया कि आदेश के बाद टीआई की नौकरी खत्म हो गई है। जल्द ही बागली थाने में नए टीआई की पोस्टिंग की जाएगी।
मामले में ये भी हैं आरोपी
इस मामले में निरीक्षक केएस बघेल, तत्कालीन निरीक्षक थाना सायबर भोपाल वर्तमान में थाना प्रभारी चुरहट जिला सीधी, सेवानिवृत्त निरीक्षक सीताराम झा, तत्कालीन निरीक्षक सायबर थाना भोपाल, चिरन सुमेर तत्कालीन एएसआई थाना सायबर भोपाल वर्तमान में एसआई रेडियो मुख्यालय भोपाल, महिला प्रधान आरक्षक इशरत परवीन तत्कालीन प्रधानारक्षक थाना सायबर वर्तमान रेडियो तकनीशियन भोपाल, आरक्षक रितेश सिंह तत्कालीन थाना सायबर, वर्तमान में अपराध शाखा भोपाल, आरक्षक कैलाश चौरसिया, तत्कालीन थाना सायबर भोपाल, वर्तमान में एटीएस कार्यालय विशेष शाखा पुलिस मुख्यालय भोपाल को भी आरोपी बनाया है और इनको अलग अलग दंड से दंडित किया है।