Madhya Pradesh: माधव राष्ट्रीय उद्यान को आठवां बाघ अभयारण्य घोषित किया गया
Bhopal भोपाल: राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की तकनीकी समिति ने रविवार को मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में स्थित माधव राष्ट्रीय उद्यान को बाघ अभयारण्य के रूप में अधिसूचित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह मध्य प्रदेश का आठवां बाघ अभयारण्य होगा। कान्हा, सतपुड़ा, बांधवगढ़, पेंच, संजय दुबरी, पन्ना और वीरांगना दुर्गावती मध्य प्रदेश में मौजूदा बाघ अभयारण्य हैं। वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एपीसीसीएफ) एल कृष्णमूर्ति ने पीटीआई-भाषा को बताया, "एनटीसीए की तकनीकी समिति ने माधव राष्ट्रीय उद्यान को बाघ अभयारण्य के रूप में अधिसूचित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
इसका कुल क्षेत्रफल 1751 वर्ग किलोमीटर होगा, जिसमें 375 वर्ग किलोमीटर का कोर क्षेत्र और 1276 वर्ग किलोमीटर का बफर क्षेत्र शामिल है। समिति ने उद्यान में एक बाघ और एक बाघिन को छोड़ने को भी मंजूरी दी है।" उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश के बाद यह प्रस्ताव तैयार किया गया है। कृष्णमूर्ति ने कहा, "मध्य प्रदेश सरकार की यह संरक्षण पहल माधव राष्ट्रीय उद्यान और कुनो राष्ट्रीय उद्यान में वन्यजीव प्रबंधन को मजबूत करेगी। इससे स्थानीय समुदायों को इकोटूरिज्म का लाभ मिलेगा और क्षेत्र का विकास होगा।"
कुनो राष्ट्रीय उद्यान देश में चीतों का एकमात्र निवास स्थान है। यह श्योपुर जिले में स्थित है और माधव राष्ट्रीय उद्यान के करीब है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा जारी 'बाघों की स्थिति: भारत में सह-शिकारी और शिकार-2022' रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश में 785 बाघ हैं, जो देश में सबसे अधिक है। राज्य के बाद कर्नाटक (563) और उत्तराखंड (560) का स्थान है।