मध्य-प्रदेश: महिला के पेट में कैंची छोड़ने को फोरम ने माना लापरवाही, डॉ. नीरजा और एक अन्य पर 6.5 लाख का जुर्माना
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जबलपुर के एल्गिन अस्पताल में सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान एक महिला के पेट में कैंची छोड़ने के मामले को जिला उपभोक्ता प्रतितोष फोरम ने घोर लापरवाही माना है। फोरम के अध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव, सदस्य सुषमा पटेल व अमित सिंह तिवारी की बेंच ने महिला द्वारा भोपाल में कैंची निकलवाने के ऑपरेशन में खर्च हुई एक लाख रुपये की राशि स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा दुबे को आवेदिका को दो माह के भीतर भुगतान करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही शरीरिक व मानसिक पीड़ा हेतु अनावेदकों को पांच लाख रुपये का ब्यॉज सहित भुगतान व वाद व्यय के लिये 5 हजार रुपये का भुगतान दो माह के भीतर करने के आदेश दिये हैं।
परिवाद अधारताल अमखेरा निवासी 30 वर्षीय मंजू कुशवाहा की ओर से दायर किया गया, जिसमें कहा गया था कि 6 सितंबर 2009 को एल्गिन अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा दुबे ने उनका सिजेरियन ऑपरेशन किया था, जिसके कुछ दिनों तक वह अस्पताल में भर्ती रहीं। इसके बाद डिस्चार्ज होने के उपरांत उन्हें तकलीफ हुई, जिस पर उन्होंने फिर से डॉ. नीरजा दुबे से संपर्क कर अपनी समस्याएं बतायी, डॉ. नीरजा ने बिना जांच कराये, दवाईयां दे दी। लेकिन उनकी समस्या में कमी नहीं आई। जिसके बाद उन्होंने भोपाल में जांच करायी, उन्हें जांच के बाद पता चला कि ऑपरेशन के दौरान उनके पेट में 14 सेमी. लंबी कैंची छोड़ दी गई, जो कि घोर लापरवाही है, जिससे उनकी जान भी जा सकती थी। जिसके बाद भोपाल में उन्होंने ऑपरेशन कराकर कैंची बाहर निकलवायी। जिसमें करीब एक लाख रुपये का खर्च आया। सेवा में कमी व लापरवाही बरतने का मामला दायर किया गया था। मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी जबलपुर, मुख्य सचिव स्वास्थ्य मंत्रालय, एल्गिन अस्पताल व स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरजा दुबे को पक्षकार बनाया गया था। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने आवेदिका के पक्ष में राहतकारी आदेश देते हुए 6 लाख 5 हजार रुपये का भुगतान, ब्यॉज के साथ करने के निर्देश अनावेदकों को दिए।