मध्यप्रदेश : पंचायत चुनाव में कर्मचारियों को नहीं मिला मतदान का अधिकार

Update: 2022-06-18 10:17 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : पंचायत चुनाव में चुनाव आयोग द्वारा प्रबंध नहीं किए जाने के कारण जिले के सैकड़ों कर्मचारी मतदान के अधिकार से वंचित रह जाएंगे।‌ आजाद अध्यापक शिक्षक संघ मंडला ने कलेक्टर जिला निर्वाचन अधिकारी एवं सहायक आयुक्त नोडल अधिकारी को ज्ञापन मेल कर यह बात कही।जिलाध्यक्ष संतोष सोनी संयोजक संजीव वर्मा एवं संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि जिले में पंचायत चुनाव तीन चरणों में आयोजित किए गए हैं। प्रथम चरण में विकासखंड मवई, बिछिया एवं नैनपुर की पंचायतों में 25 जून को मतदान होना है जिसमें विकासखंड में कार्यरत कर्मचारियों की चुनाव ड्यूटी लगी है। चुनाव ड्यूटी तो लगा दी है किंतु वोटिंग सुविधा का अधिकार देने के लिए कोई प्रावधान नहीं है जिससे चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों में मायूसी है।

विधानसभा व संसदीय चुनाव में चुनाव ड्यूटी में कार्यरत कर्मचारियों के मताधिकार को सुरक्षित रखने के लिए पोस्टल बैलट पेपर या ईडीसी इत्यादि की व्यवस्था की जाती है लेकिन स्थानीय चुनावों में जहां एक-एक वोट की महत्ता होती है के समय जिला प्रशासन कर्मचारियों के वोट के अधिकार को बिल्कुल ही भूल गया।वही दूसरी तरफ पंचायत चुनाव में P4 अधिकारी की ड्यूटी कैंसिल कर के चुनाव आयोग ने चुनाव प्रक्रिया को और जटिल बना दिया है ज्ञात हो कि चुनाव में पंच, सरपंच, जनपद सदस्य एवं जिला पंचायत सदस्यों का निर्वाचन होना है यदि किसी पोलिंग बूथ में 500 मतदाता है तो 1 मतदाता को 4 वोट डालने हैं अतः कुल मतदाता दो हजार होते हैं। निर्वाचन भी समय पर संपन्न हो, और वोटिंग प्रतिशत भी अच्छा हो, कर्मचारी भी कम हो, इन सभी विषम परिस्थितियों में कर्मचारियों को चुनाव संपन्न कराकर मतगणना भी वही करने के निर्देश हैं, ऐसे में कुल 4 कर्मचारी की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। मांग की गई है की P4 कर्मचारी भी दिया जाए।

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