मध्य प्रदेश भाजपा का मिशन 2023 तैयार, आदिवासी वोटबैंक के लिए जल्द हो सकता है कैबिनेट विस्तार
मध्य प्रदेश भाजपा ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए अपना मिशन 2023 की प्लानिंग कर ली है।
मध्य प्रदेश भाजपा ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए अपना मिशन 2023 की प्लानिंग कर ली है। यह चुनाव यूपी मॉडल पर लड़े जाएंगे। मध्य प्रदेश भाजपा के कोर ग्रुप की केंद्रीय नेताओं के साथ हुई बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। इसमें मंत्रिमंडल में विस्तार बेहद अहम है। कुछ मंत्रियों के पास अतिरिक्त विभाग हैं, जिन्हें वापस लिया जा सकता है।
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के भोपाल दौरे के बाद बीजेपी की दिल्ली में बैठक को विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारी की रणनीति की नजर से महत्वपूर्ण बताया जा रहा है। अमित शाह ने अपने दौर में मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा की थी। कुछ मंत्रियों की रिपोर्ट संतोषजनक नहीं थी। प्रदेश में अभी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत 31 मंत्री है, जबकि प्रदेश में 35 मंत्री बन सकते हैं। इसके अलावा कुछ मंत्रियों के पास अतिरिक्त विभाग है। गोविंद सिंह राजपूत को ही लो तो उनके पास राजस्व और परिवहन जैसे दो बड़े विभाग है। वहीं, महिला एवं बाल विकास जैसे विभाग को कोई स्वतंत्र मंत्री नहीं है, बल्कि यह विभाग भी मुख्यमंत्री ही संभाल रहे हैं। ऐसे में साफ है कि मंत्रियों की संख्या बढ़ाने की पर्याप्त गुंजाइश शिवराज सिंह चौहान के पास है।
आदिवासी और ओबीसी वोट बैंक पर फोकस
बैठक में सत्ता और संगठन के नेताओं ने आदिवासी और ओबीसी वोटरों को साधने को लेकर भी चर्चा की। नए सिरे से रणनीति बनाने पर जोर दिया गया है। ऐसे में चर्चा है कि सरकार जोबट में कांग्रेस से भाजपा में आई विधायक सुलोचना रावत और गौरी शंकर बिसेन को मंत्रिमंडल में शामिल कर सकती है। सुलोचना ने जोबट विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव जीता था। प्रदेश के 22 प्रतिशत आदिवासी वोटरों को साधने के लिए जनजागरण अभियान चलाने पर भी सहमति बनी है।
यूपी मॉडल पर लड़ा जाएगा चुनाव
दिल्ली की बैठक में तय हुआ कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2023 को हिंदुत्व के मुद्दे पर लड़ा जाएगा। यूपी विधानसभा चुनावों की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी हिंदुत्व एक प्रमुख मुद्दा होगा। संघ के पदाधिकारियों ने दंगाइयों से सख्ती से निपटने को कहा है, जिस तरह यूपी में निपटा गया है। यूपी की तरह मध्य प्रदेश में भी लाउडस्पीकर को लेकर नए नियम बनाने पर विचार किया गया है।
बेलगाम अफसरशाही नहीं चलेगी
बैठक में कुछ पदाधिकारियों ने अधिकारियों की मनमानी का भी मुद्दा उठाया। इसे लेकर बेलगाम अधिकारियों को हटाने पर सहमति बनी है। भाजपा नेताओं की शिकायत पर बेलगाम अधिकारियों की सूची तैयार होगी। ऐसे में साफ है कि अब अफसरों पर सख्ती हो सकती है।
यह नेता और पदाधिकारी बैठक में मौजूद थे
बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, सह-संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा मौजूद थे।