भोपाल न्यूज़: 60 वर्षीया रंजना भागड़ी को कभी ऐसा महसूस नहीं हुआ कि मैं अकेली हूं. मुझे लोगों का साथ मिला और मेरी बेटी को आज इस काबिल बना दिया कि आज वो हर काम कर सकती है जो कभी मुझे कठिन लगा करते थे. बिटिया अब दुबई में है और उसका बच्चा अभी छोटा है इस कारण वो अपने बच्चे को पूरा समय देती है. कुछ समय बाद वो अपना काम शुरू करेंगी. रंजना भी नौकरी से रिटायर हो चुकी है. अब वो अपना बचा समय अपनी बेटी के साथ ही बिताना चाहती है.
नहीं की दूसरी शादी: रंजना कहती हैं, जब बिटिया छोटी थी तो थोड़ी परेशानी हुई कि अकेले कैसे कर पाऊंगी, लेकिन बिटिया की जिम्मेदारी ने यह अहसास करा दिया कि मैं अकेली नहीं हूं. इस कारण ही मैंने दूसरी शादी भी नहीं की. मेरी बेटी स्नेह जब 8 माह की थी तभी मैं पति से अलग रहने लगी थी. सर्वे ऑफ इंडिया में नौकरी थी, छोटी बच्ची की देखरेख करने में पड़ोसियों की मदद मिल जाती थी. धीरे-धीरे समय बीतता गया और बच्ची को एम. कॉम. कराने के बाद एमबीए कराया. शादी करके पूरी जिम्मेदारी निभाई.