माघी पूर्णिमा पर लाखों ने नर्मदा में लगायी डुबकी, महाआरती में शामिल हुए हजारों
नर्मदापुरम। माघी-पूर्णिमा पर आज रविवार को लाखों श्रद्धालुओं ने मां नर्मदा में डुबकी लगायी और नर्मदा घाट पर दान-पुण्य किया। शाम को महाआरती में भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। नर्मदा के सेठानी घाट, कोरी घाट, विवेकानंद घाट, सर्किट हाउस घाट सहित शहर के सभी घाटों पर अलसुबह से ही श्रद्धालुओं के नर्मदा स्नान का सिलसिला शुरू हो गया था जो सारा दिन चला। स्नान के बाद घाट पर श्रद्धालुओं ने पूजन-पाठ व मां नर्मदा की आराधना की। अनेक लोगों ने नर्मदा घाट पर भंडारे भी किये। देर शाम को सेठानी घाट पर मां नर्मदा की महाआरती का आयोजन किया जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।माघी पूर्णिमा पर रविवार को नर्मदा स्नान करने नर्मदापुरम जिले के अलावा हरदा, बैतूल, विदिशा, भोपाल, बीना सहित मध्यप्रदेश के अनेक शहरों से बड़ी संख्या में महिला-पुरुष पहुंचे थे। नर्मदा तटों पर सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस और होमगार्ड जवान तैनात रहे और भीड़ पर नजर रखी ताकि कहीं कोई दुर्घटना न हो। श्रद्धालुओं को गहरे पानी से रोकने के लिए घाटों पर अनाउंसमेंट करके लोगों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिये जाते रहे।
एक पहल संस्था ने माघ पूर्णिमा पर मां नर्मदा भोग वितरण किया। संस्था अध्यक्ष सत्या चौहान ने बताया कि संस्था द्वारा मां नर्मदा भोग में साबुदाने की फलाहारी खिचड़ी का वितरण किया। बाहर से आए हजारों श्रद्धालुओं के लिए हर एकादशी एवं पूर्णिमा को नर्मदा भोग का वितरण किया जाता है। राम जानकी मंदिर के संचालक पं. लवलेश शर्मा व रितेश शर्मा ने बताया कि माघ पूर्णिमा पर पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। इस दिन चंद्रमा कर्क राशि में प्रवेश करता है, इसलिए ऐसी मान्यता है कि पवित्र स्नान करने से सूर्य और चंद्रमा से जुड़ी हुई समस्याएं दूर हो जाती हैं, साथ ही रवि पुष्य नक्षत्र का भी योग बन रहा है, इसलिए इस योग को और भी शुभ माना है। संस्था के नर्मदा प्रसाद साहू, रेवा शंकर तिवारी गुड्डु सहित कई लोगों ने साथ में सेवा दी। माघी पूर्णिमा पर रविवार को संत शिरोमणि रामजी बाबा की समाधि पर अलसुबह से भक्तों की भीड़ उमड़ी। रविवार को ही पूर्णिमा के व्रत के साथ-साथ माघ स्नान भी पूर्ण हुआ। पूर्णिमा पर सर्वार्थसिद्धि और रवि पुष्य का योग पर श्रद्धांलुओं ने धर्म लाभ कमाया। नर्मदा के विभिन्न घाटों पर भगवान सत्यनारायण की कथा अभिषेक के साथ विशेष पूजन अनुष्ठान किए। वहीं भंडारों का आयोजन हुआ। संत श्री रामजीबाबा की समाधि स्थल पर हजारों भक्तों ने मत्था टेका।