Khargone : आंधी-तूफान ने किसानों की फसल खराब ,महिला पटवारी पर लापरवाही के आरोप

Update: 2024-07-03 10:10 GMT
 Khargone खरगोन : मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के भगवानपुरा ब्लॉक में 29 और 30 फरवरी को आए आंधी-तूफान ने किसानों की फसलों पर जमकर कहर बरपाया था, जिसके सर्वे और मुआवजा वितरण के कार्य में भी गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। आंधी तूफान से बर्बाद हुई फसलों का कुछ गांवों में मुआवजा नहीं मिलने से किसानों में आक्रोश देखा जा रहा है। बता दें की फसलों का उचित मुआवजा देने की मां को लेकर पिछले एक महीने से किसान जिला कलेक्टर कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन,
इसका कोई फायदा नहीं हो रहा है।
जिले के ग्राम बन्हुर और जामन्या के पीड़ित किसानों ने प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुई फसलों का मुआवजा नहीं मिलने की शिकायत भी दर्ज कराई है। यही नहीं शिकायत लेकर पहुंचे किसानों ने आरोप लगाया कि गांव की महिला पटवारी की लापरवाही और उदासीनता के चलते उन्हें अब तक मुआवजा नहीं मिल पाया है। पीड़ित किसानों ने इसे लेकर क्षेत्रीय विधायक केदार डावर के कार्यालय पर भी शिकायती आवेदन दिया है ।
जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे कृषक सुकलाल पटेल, दयाराम डावर, हीरालाल, दवलसिंग, बाथू, गुलाब आदि ने बताया कि हमारी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई, फिर भी हमें मुआवजा नहीं जा रहा है। किसानों ने आरोप लगाया कि गांव में फसल नुकसानी का सर्वे करने पहुंची पटवारी मनीषा सेलवाने ने खेतों में न जाकर मनमाने तरीके से सर्वे रिपोर्ट तैयार कर ली, जबकि किसानों ने उनसे आग्रह किया था कि वे खेतों में चलें। लेकिन, उन्होंने कहा कि सभी के खेतों की जानकारी मेरे पास है, तुम चिंता मत करो। मैं पंचनामा बनाकर रिपोर्ट पेश कर दूंगी, नुकसानी का मुआवजा मिल जाएगा। चौकीदार कालू के कहने पर सभी किसानों ने 50-50 रुपए की राशि भी उसे दी थी। किसानों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि चार महीने बाद भी मुआवजा नहीं मिला तो हम तहसील कार्यालय गए। वहां, बताया गया कि हमारे गांव की कोई नुकसानी रिपोर्ट प्रस्तुत ही नहीं की गई है। किसानों ने एसडीएम से मांग की है कि उक्त पटवारी के कार्य के प्रति बरती गई उदासीनता और लापरवाही पर संज्ञान लेकर कार्रवाई की जाए।
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