कमलनाथ ने खुद को बताया जवान

Update: 2023-07-30 12:29 GMT
इंदौर |  इंदौर में जहां एक तरफ देश के गृह मंत्री अमित शाह के कई कार्यक्रम हैं, तो वहीं कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने भी कई कार्यक्रमों में शिरकत की। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और एनएसयूआई के प्रभारी कन्हैया कुमार शामिल हुए। शहर में आयोजित आदिवासी महा सम्मेलन पंचायत में अपनी बात रखते हुए तीनों नेताओं ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को जमकर घेरा। कांग्रेस ने केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार को पूरी तरह विफल बताते हुए आदिवासी विरोधी बताया। मणिपुर का जिक्र करते हुए कमलनाथ ने चिंता जताई कि जिस तरह के हालात देश में बन रहे हैं, मणिपुर जैसे हालात अन्य जगहों पर ना हो जाए। भारतीय जनता पार्टी लोगों को बांटने और विघटन करने का ही काम करके अपनी राजनीति चला रही है।
युवा महापंचायत में पहुंचे कन्हैया कुमार ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा है मैं देश के प्रधानमंत्री की तरह इतिहास में फेल नहीं हूं। तो वहीं गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को लेकर कहा कि वे फिल्मों में बहुत बिजी रहते हैं, जब देखो तो वे दीपिका पादुकोण को देखते रहते हैं। साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज पर निशाना साधते हुए कहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मामा हैं, और मेरा नाम कन्हैया है, सभी जानते है कन्हैया ने ही कंस मामा का वध किया था। पटवारी भर्ती परीक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि परीक्षा के टॉपर को यही नहीं पता की मध्यप्रदेश की राजधानी क्या है।
युवा महापंचायत में कमलनाथ ने कहा कि ‘मैं उस जिले से आता हूं जिसकी आदिवासी आबादी आपके जिले से दोगुनी है। मुझे गर्व है कि आदिवासियों के साथ काम किया, जब मैं जवान था... बूढ़ा नहीं हुआ हूं। नाथ ने कहा, पातालकोट का नाम सुना होगा जहां तीन घंटे पैदल चलना पड़ता था। आदिवासी भाई आम की गुठली को सुखाकर आटा बनाते थे, जो लोग सीमित कपड़े पहनते थे, वे आज जीस-टीशर्ट में नजर आते हैं। कमल नाथ ने कहा, में यहां मौजूद बच्चों से कहता हूं। आप छिंदवाड़ा जाकर देखें, हर गांव में बिजली पहुंचाई, सड़के बनवाई। पुरानी पीढ़ी ने अपना जीवन काट लिया था, लेकिन मुझे आने वाली पीढ़ी की चिंता थी। मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है। कमलनाथ ने आगे कहा कि मैंने 27 लाख किसानों का कर्ज माफ किया। मैं मुख्यमंत्री था, सौदा कर सकता था। मगर सौदे से कुर्सी पर बैठने को तैयार नहीं था। आज चुनाव हमारे सामने हैं। यह चुनाव एक पार्टी या उम्मीदवार का नहीं, मध्यप्रदेश के भविष्य का है। इनके के पास सिर्फ पुलिस, पैसा और प्रशासन बचा है।
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