तेजाजी नगर व भंवरकुआं थाने के सीमा विवाद में शव लेकर भटकते रहे परिजन, 24 घंटे बाद हुआ पोस्टमॉर्टम
इंदौर न्यूज़: एक्सीडेंट में घायल युवक की मौत हो जाने के बाद दिनभर परिजन पोस्टमॉर्टम के लिए परेशान होते रहे. सरकारी तंत्र की अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़े परिजनों ने 24 घंटे बाद चुप्पी तोड़ी. परिजनों ने कहा, वे भंवरकुआं पुलिस के कहने पर शव लेकर जिला हॉस्पिटल पहुंचे. यहां पता चला कि मर्ग कायम तेजाजी नगर थाने में होगी. बाद में पता चला, थाना क्षेत्र के केस में पोस्टमॉर्टम जिला नहीं, बल्कि एमवाय अस्पताल में होता है. किसी तरह शव लेकर शाम को वहां पहुंचे तो मौजूद स्टाफ ने शव को रख लिया और सुबह आने को कहा.
छोटू बामनिया ने बताया, वर्ष 2017 में तेजाजी नगर क्षेत्र में धमेंद्र 29 पिता बद्रीलाल निवासी हिम्मत नगर पालदा का एक्सीडेंट हो गया था. टर्न पर रिक्शा पलटने से उसके सिर में गंभीर चोट आई थी. डॉक्टर ने दो बार ऑपरेशन किया पर स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ. सुबह धमेंद्र की मौत हो गई. डायल 100 पर सूचना दी तो भंवरकुआं पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिसकर्मी ने शव को जिला हॉस्पिटल ले जाने की बात कही. सुबह शव लेकर वहां पहुंचे पर कोई पुलिसकर्मी नहीं आया. आरोप है, डायल 100 पर फोन किया, लेकिन कोई मदद नहीं मिली. जिला हॉस्पिटल ऑपरेटर की सूचना पर तेजाजी नगर पुलिस आई. वहां शाम को बताया की पोस्टमॉर्टम एमवायएच में होगा. किसी तरह किराये के वाहन से शव लेकर वहां पहुंचे.
दो थाने के खींचतान में उलझा केस: भंवरकुआं और तेजाजी नगर थाना पुलिस की खीचतान में पोस्टमॉर्टम प्रक्रिया उलझी. जिला हॉस्पिटल में कोई भी केस आएगा तो मर्ग कायम कराया जाएगा. आगे से इस तरह के केस में अलर्ट रहेंगे. जिससे मृतक के परिजनों को परेशान न होना पड़े.- डॉ. प्रदीप गोयल, सिविल सर्जन, जिला हॉस्पिटल
एसआइ बोले- जिला हॉस्पिटल ऑपरेटर की गलती
थाना एसआइ भागीरथ जाट का कहना है कि जिला हॉस्पिटल ऑपरेटर की गलती है कि उन्होंने थाने में मर्ग कायम कराया. मर्ग कायम होने के बाद वहां पहुंचे थे. डॉक्टर के आने के बाद पता चला कि तेजाजी नगर थाना क्षेत्र के केस के वहां पोस्टमॉर्टम नहीं होते. शाम को शव लेकर एमवायएच पहुंचे तो वहां मर्च्यूरी में काम बंद हो गया था. यदि जिला हॉस्पिटल वाले सुबह ही परिजन को एमवायएच पहुंचा देते तो इतनी परेशानी नहीं होती. पोस्टमॉर्टम कराया है.