बाड़ोन गांव में मृतक के परिजनों करते हिअ टीन की चादर पकड़कर अंतिम संस्कार, जानें वजह
मध्य प्रदेश के गुना जिले से शर्मनाक तस्वीर सामने आ रही है. जिले के मधुसूदनगढ़ क्षेत्र के बाड़ोन गांव में लोगों को मौत के बाद भी सुकून नहीं मिल रहा.
मध्य प्रदेश के गुना जिले से शर्मनाक तस्वीर सामने आ रही है. जिले के मधुसूदनगढ़ क्षेत्र के बाड़ोन गांव में लोगों को मौत के बाद भी सुकून नहीं मिल रहा. यहां मृतक को ठीक-ठाक श्मशान घाट भी नसीब नहीं है, ताकि उसका अंतिम संस्कार विधि-विधान से किया जा सके. आलम यह है कि बारिश में अगर किसी की मौत हो जाए, तो उसके शव का अंतिम संस्कार टीन की चादर पकड़कर करना पड़ता है. हैरानी की बात यह है कि प्रशासन को इसकी जानकारी है, लेकिन इसके बावजूद श्यशान घाट की किसी ने उचित व्यवस्था नहीं की. गांव में किसी की मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को परेशान होना पड़ता है.
गौरतलब है कि गुना के बाड़ोन गांव में शासकीय सिस्टम की उस वक्त पोल खुल गई, जिस वक्त सोमवार शाम यहां किसी की मौत हो गई. चूंकि, बारिश तेज थी तो परिजन कुछ ज्यादा व्यवस्था कर नहीं सके. वह जैसे-तैसे मृतक के शव को लेकर श्मशान पहुंचे. यहां पहुंचकर उन्हें कुछ नहीं मिला. उन्होंने यहां-वहां से लकड़ियां इकट्ठी कीं और चिता बनाई. अब समस्या खड़ी हुई कि चिता जलाएं कैसे. क्योंकि तेज बारिश में सबकुछ भीग रहा था. सिर ढकने या शव को पानी से सुरक्षित रखने की कोई जगह नहीं थी. परिजनों ने जैसे-तैसे कुछ पत्तों की व्यवस्था की और शव को चिता पर रखकर उसके चारों ओर बड़े-बड़े पत्ते लगा दिए.
इस तरह किया अंतिम संस्कार
इसके बाद परिजनों और रिश्तेदारों ने वहां टीन की चादर पकड़ी और चिता के चारों ओर खड़े हो गए. इससे बारिश का पानी चिता तक नहीं पहुंचा. फिर मृतक की चिता को अग्नि देकर अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान सभी परिजन बारी-बारी से टीन की चादर पकड़ते जा रहे थे. क्योंकि, आग से टीन का चादर गर्म हो रही थी. परिजनों ने इस परेशानी के बीच जैसे-तैसे अंतिम संस्कार किया. इस दौरान ने लगातार खुले मैदान में भीगते रहे.
गुना – आज़ादी के अमृत वर्ष में भी इस तरह के दृश्य हैरानी पैदा कर देते है,जिले के मधुसूदनगढ़ की तश्वीर है,यहां अंतिम संस्कार के लिए ग्रामीणों को जद्दोजहद करना पड़ती है,खासकर बारिश के दिनों में,#आज़ादी_का_अमृत_महोत्सव pic.twitter.com/7FTUUHRBs5
अधिकारियों पर घोटाले का आरोप
गांववालों का आरोप है कि अधिकारियों ने श्मशान घाट के निर्माण में बड़ा घोटाला किया है. इसका खामियाजा जनता भुगत रही है. बता दें, मधुसूदनगढ़ क्षेत्र आदिवासी बहुल क्षेत्र है और यहां पर विकास के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए. लेकिन, पिछले 2 सालों से पंचायत की बागडोर सरकारी सिस्टम के हाथों में है. इस मामले को लेकर गुना कलेक्टर फ्रैंक नोवले ए. ने उचित कार्रवाई की बात कही है