गुजारा भत्ता नहीं देने पर पति ने पत्नी को चरित्रहीन बताया
हाई कोर्ट में अर्जी
इंदौर: अलग रह रही पत्नी को भरण-पोषण भत्ता न देना पड़े इसलिए पति ने पत्नी को चरित्रहीन बताते हुए हाई कोर्ट में अर्जी लगा दी। कोर्ट ने इस अर्जी को खारिज करते हुए कहा कि एक पत्नी को व्यभिचारी होने के आधार पर भरण-पोषण पाने से तभी रोका जा सकता है, जब वह सीआरपीसी की धारा 125 के तहत भरण-पोषण के लिए आवेदन के समय वास्तव में व्यभिचार में लिप्त रही हो। हाई कोर्ट ने आगे कहा कि पत्नी के व्यभिचार को साबित करने का दायित्व पति पर है।
पति ने भरण-पोषण नहीं दिए जाने को लेकर दायर अर्जी में कहा कि उसने कभी भी अपनी पत्नी से दहेज नहीं मांगा और न ही इस संबंध में उसे किसी भी प्रकार का उत्पीड़न या क्रूरता का सामना करना पड़ा। पत्नी ने बिना किसी कारण के अपनी मर्जी से उसे छोड़ दिया।
इसके अतिरिक्त, उसने दावा किया कि वह उनके रिश्ते में आक्रामक थी, अक्सर उस पर हमला करती थी और उसे और उसके परिवार के सदस्यों को गाली देती थी। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि वह दूसरे आदमी के साथ अश्लील बातें करती थी और व्यभिचार करती थी। उसने दावा किया कि वह फिलहाल उसके साथ भोपाल में रह रही है।