अतिथि व्याख्याताओं के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

Update: 2022-06-18 14:35 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : सुप्रीम कोर्ट द्वारा तकनीकी शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश के लगभग 300 पॉलीटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं (Guest Lecturer) की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति हिमा कोहली बाली युगल पीठ ने एक बड़ा ही सख्त निर्णय दिया गया है।

इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश तकनीकी शिक्षा अतिथि विद्वानों को स्थायित्व और अंतरिम राहत प्रदान करते हुए, 1000 रू प्रति लेक्चर देने का फैसला सुनाया है। कहा इतने समय बाद भी तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से पॉलीटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं (Guest faculty) के लिए अनिश्चितता बनी हुई है। इस प्रकार अतिथि व्याख्याताओं का शोषण किया जा रहा है। पूर्व भी सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में साफ कर दिया है कि अतिथि विद्वान (गेस्ट फैकल्टी) का पद अन्य अतिथि विद्वान (गेस्ट फैकल्टी) से नहीं भरा जा सकेगा।पॉलीटेक्निक अतिथि व्याख्याता (विद्वान) (Guest lecturer) याचिकर्ताओं की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता वरुण ठाकुर ने पक्ष रखते हुए कहा कि याचिकाकर्ता पूर्व में निर्धारित नियम के तहत पॉलीटेक्निक कॉलेज में अतिथि व्याख्याता के पद पर नियुक्त किए गए थे। वह ईमानदारी से अपने कार्य कर रहे है। दशकों से कार्यरत अतिथि व्याख्याताओं की स्थिति काफी दयनीय है। उन्हें लगभग 2 दशक से कालखंड व्यवस्था के अन्तर्गत रखते हुए डिपार्टमेंट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन मध्यप्रदेश द्वारा मजदूरी रूपी मानदेय प्रदान किया जाता रहा है, जबकि संस्था स्तर पर सुबह 10 बजे से 05 बजे तक रोककर समस्त कार्य (पठन पाठन, मूल्यांकन, दस्तावेज सत्यापन, प्रायोगिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा, शासकीय परीक्षाओं में वीक्षक, कार्यालयीन कार्य, प्रवेश प्रक्रिया जैसे) इत्यादि कार्य नियमित कर्मचारियों की भांति करवाये जाते हैं।
सोर्स-bhopalsamachar



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