हिंदू महासभा ने जिला प्रशासन को 10 नवंबर तक का दिया अल्टीमेटम, वीर सावरकर की ताले में बंद प्रतिमा को लेकर की ये मांग

Update: 2021-11-06 12:53 GMT

भोपाल: नाथूराम गोडसे व नारायण आप्टे की प्रतिमा की स्थापना से चर्चा में रहने वाली ग्वालियर की हिंदू महासभा इकाई ने वीर सावरकर की ताले में बंद प्रतिमा की स्थापना को लेकर जिला प्रशासन और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के जिम्मेदार लोगों को 10 नवंबर तक का अल्टीमेटम दिया है। इसके लिए हिंदू महासभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत की मदद लेने की कोशिश की है और उन्हें पत्र लिखा है।

ग्वालियर में हिंदू महासभा ने नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे की प्रतिमा की स्थापना की है जिसकी वजह से हिंदू महासभा की ग्वालियर इकाई को कई बार विपरीत परिस्थितियों से गुजरना पड़ा है। अब हिंदू महासभा की ग्वालियर इकाई ने वीर सावरकर की तीन साल से ताले में बंद प्रतिमा को बाहर निकालकर स्थापना करने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। इसके लिए हिंदू महासभा ने प्रधानमंत्री मोदी को 28 अक्टूबर को खून से लिखी चिट्ठी भेजी थी। अब आरएसएस प्रमुख भागवत को हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. जयराम भारद्वाज ने पत्र लिखा है।
हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयवीर भारद्वाज ने कहा है कि अब हिंदू महासभा क्रांतिकारी सावरकर का अपमान सहन नहीं करेगा। 12 नवंबर को हर हालत में वीर सावरकर की प्रतिमा पर लगा ताला खुलना चाहिए। साथ ही जिला प्रशासन और स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को 10 नवंबर तक सावरकर की प्रतिमा की स्थापना को लेकर फैसला लेने की चेतावनी भी दी है।
वीर सावरकर की प्रतिमा थीम रोड पर कटोराताल के अंदर बनी है। कटोरा ताल का जीर्णोदार होना है। इसलिए यह प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी के हाथ में है। यही कारण है कि बीते 3 साल से वीर सावरकर प्रतिमा ताले में बंद हैं। इस कारण हिन्दू महासभा उन्हें पुष्पांजलि भी नहीं दे पा रही है। हिंदू महासभा ने केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह व ज्योतिरादित्य सिंधिया से भी इसमें मदद मांगी गई थी और फिर 28 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खून से पत्र लिखा।

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