'हिन्दू एकता महाकुंभ' चित्रकूट में 15 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा, जानें क्या है उदेश्य

राम की नगरी चित्रकूट में आयोजित होने वाला “हिन्दू एकता महाकुंभ” का आयोजन 15 दिसंबर को होने वाला है.

Update: 2021-12-12 06:39 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राम की नगरी चित्रकूट में आयोजित होने वाला "हिन्दू एकता महाकुंभ" का आयोजन 15 दिसंबर को होने वाला है. इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी महानुभाव हिन्दू धर्म में ज्ञाता है और यहां वे अपनी ज्ञान की वर्षा से सभी भाग लेने वालों को लाभान्वित करेंगे.

हिंदू एकता महाकुंभ एक ऐसा कार्यक्रम है जहां सभी भारतवासी मिलकर हिंदुत्व का उत्सव मनाएंगे और कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों और हिन्दू धर्म के विद्वानों से हिंदुत्व का सार जान पाएंगे. इस महाकुंभ का आयोजन आचार्य रामचंद्रा दास जी के नेतृत्व में राम की भूमि चित्रकूट में 15 दिसंबर 2021 को सम्पन्न होगा.
सयियोजक आचार्य रामचंद्र दास ने बताया की "यह हम सबके लिए एक बहुत बड़े सौभाग्य का विषय है. एक बहुत ही अद्भुत दृश्य उस समय होगा जब पूरे देश के सभी बड़े संत एक मंच पर होंगे जिसके अध्यक्ष पद पर विभूषण जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी कर रहे होंगे. साथ ही मुख्य अतिथि के रूप में दुनिया के सबसे बड़े संगठन के सरसंघचालक डॉ. मोहन राव भागवत जी उपस्थित होंगे. इतना अद्भुत कार्यक्रम है कि उसको देखने के लिए लाखों लोगों में उत्साह है. पूरे प्रदेश और देश भर से लोग आ रहे हैं. उन सबके के लिए सो आवश्यकता, मूलभूत सुविधाएं हैं उन सबके लिए हम यहां तैयारी कर रहे हैं."
आज हमारे भारत देश में और हमारे समाज में हिन्दू धर्मानुयायियों के साथ क्या बर्ताव हो रहा है और उनके साथ किस प्रकार से प्रत्येक स्तर पर शोषण हो रहा है यह एक चिंता का विषय है. यह महाकुंभ इन्हीं सभी विषयों पर विचार विमर्श करने और इन परिस्थितियों का समझने और इनका समाधान ढूंढने का भी मौका देता है. उन्होंने कहा कि, आज की परिस्थितियों में हिन्दुओं को बाटां जा रहा है. नाम पूछकर इस देश में गोली मारी जा रही है. हमारे मंदिरों को तोड़ा जा रहा है उनका अधिकरण किया जा रहा है.
इन सारी परिस्थितियों को लेकर चित्रकूट में एक चिंतन हो रहा है. हमनें इस कार्यक्रम का नाम "हिन्दू एकता महाकुम्भ" रखा है. हम भगवान श्री राम की संकल्प भूमि से एकता का संकल्प," लेते हैं.
इससे चुनाव से न जोड़ा जाए- आचार्य
आचार्य रामचंद्र दास बोले की "चुनाव आते जाते रहते हैं. बंगाल में भी चुनाव हुआ हम थोड़ी गए, पिछले दिनों भी चुनाव हुए हैं हम नहीं गए. इससे हमे कोई अंतर नहीं पड़ता. चुनाव आना प्रसांगिक है. चुनाव को देख कर कोई आयोजन नहीं हो रहा है. हम सब संतों की ज़िम्मेदारी हिन्दू एकता का काम है. इसके लिए हमने अपने घर परिवार को छोड़ा है. यह हमारा मूलभूत कार्य है. हम मूल ही इस कार्य के हैं. इस नाते हम दिसंबर के माह में इस कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं. सब एक हो रहे हैं लेकिन हमारे यहां जाती, पद, सम्प्रदायक में सबको बाटां जा रहा है जो भविष्य की दृष्टि से ठीक नहीं हैं."
गैर राजनीतिक हैं कार्यक्रम
आचार्य जी ने बताया की "यह कार्यक्रम गैर राजनीतिक है. कोई भी राजनीतिक व्यक्ति इस कार्यक्रम में नहीं आ रहा है. देश के सभी बड़ें मठों के मठादिश, बड़े संत, महापुरुष, जिनके एक-एक शब्दों में यह ताकत है कि जो करोड़ों लोगों का जीवन अपरिवर्तन कर सकते हैं ऐसे संत केवल इस कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं. अधियक्षता स्वाम मेरे पूज्य गुरुदेव कर रहे हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जो कि दुनिया का सबसे बड़ा संगठन है उसके मुखिया मुख्य अतिथि के रूप में आ रहे हैं और आप हमारे बैनर को पढ़ेंगे तो आपको भी अच्छा लगेगा. कोई प्रश्न चिह्न नहीं है. हमारे बैनर में जब योगी आदित्यनाथ जी की फोटो लगी है तो नीचे महंत योगी आदित्यनाथ जी लिखा हुआ है. वो नाथ परंपरा के प्रमुख हैं इस नाते वो नाथ परंपरा के नाते भाग ले रहे हैं. वो मुख्यमंत्री के रूप में नहीं आ रहे हैं. उस पूरे बैनर में कही मुख्यमंत्री नहीं लिखा हुआ है.
हिन्दू धर्म में महाकुंभ उत्सव को बहुत ही उच्च स्थान प्राप्त है. यह हिन्दुओं का सबसे बड़ा उत्सव है जो कि हमारे देश के चार पवित्र नदी तटों पर प्रत्येक 3 सालों में आयोजित होता है. चित्रकूट वह स्थान है जहा पर भगवान राम चंद्र ने धनुष उठाया था और प्रण किया था कि जब तक रावण और असुरों का वध नहीं कर दूंगा तब तक नहीं रुकूंगा. यही वो स्थान है जहां हर राजनीतिक दल संकल्प करता है कि जब तक जीत हासिल नहीं होगी तब रुकेंगे नहीं. लेकिन यहां की जनता यह जानती है कि यह संकल्प आने वाले दिनों में कितनी सफलता हासिल करेगा.


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