Jabalpurजबलपुर। खंडवा से भाजपा विधायक कंचन तनवे पर मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। न्यायमूर्ति जीएस अहलूवालिया की एकल पीठ ने एक सप्ताह के भीतर जुर्माना राशि हाईकोर्ट रजिस्ट्री में जमा करने के निर्देश दे दिए हैं। आपको बता दें की यह पूरा मामला कांग्रेस के टिकट पर पराजित प्रत्याशी कुंदन मालवीय की चुनाव याचिका से संबंधित है। मंगलवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई और यहां पर भाजपा विधायक को जबलपुर में आना था। लेकिन वह नहीं पहुंची, जिसके बाद उनके ऊपर यह जुर्माना लगाया गया है। मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कंचन तनवे ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और वह चुनाव जीत गई थीं। भाजपा प्रत्याशी कंचन ने रिटर्निग ऑफिसर को जो जाति प्रमाण पत्र दिया था उसमें उन्होंने अपने पति मुकेश तनवे का नाम पिता की जगह पर लिख दिया जो मान्य नहीं होता। High Court
कांग्रेस प्रत्याशी रहे कुंदन मालवीय पहुंच गए थे हाई कोर्ट
इस पर Congress प्रत्याशी रहे कुंदन मालवीय ने चुनाव आयोग में शिकायत की और फिर बाद में जनवरी 2024 में जबलपुर हाईकोर्ट पहुंच गए और याचिका दायर कर इस चुनाव को शून्य करने की मांग की, प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मामले पर जबलपुर हाईकोर्ट की करीब तीन - चार सुनवाई हो चुकी हैं। लेकिन खंडवा विधायक कंचन मुकेश तनवे एक बार भी कोर्ट में नहीं पहुंची। मंगलवार को सुनवाई के दौरान विधायक की ओर से उनके वकील कोर्ट में पेश हुए तो जज ने जुर्माना लगाया है।
इन आधारों पर लगाया गया जुर्माना
हाई कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया कि BJP विधायक कंचन तनवे पर दो आधारों पर जुर्माना अधिरोपित किया गया है। पहला यह कि उन्होंने कोर्ट की सुनवाई को लंबित रखने टालमटोली का रवैया अपनाया। दूसरा और सबसे गंभीर यह कि उन्होंने कोर्ट को गुमराह करते हुए समय पर नोटिस न मिलने की गलतबयानी की। यही नहीं कोर्ट पर एकपक्षीय आदेश पारित करने का मिथ्या दोषारोपण तक कर दिया।