महिला सरपंच ललिता अहिरवार की जगह उनके पति विनोद अहिरवार ने लिया पद की शपथ
मध्य प्रदेश में हाल ही में त्रिस्तरीय निकाय चुनाव संपन्न हुए हैं. परिणाम घोषित होने के बाद विजेताओं को सर्टिफिकेट बांटने का सिलसिला जारी है.
मध्य प्रदेश में हाल ही में त्रिस्तरीय निकाय चुनाव संपन्न हुए हैं. परिणाम घोषित होने के बाद विजेताओं को सर्टिफिकेट बांटने का सिलसिला जारी है. लेकिन कर्यवाही के दौरान अधिकारियों की लापरवाही खुलकर सामने आ रही है. कलेक्टर खुद ही नियमों को अनदेखा कर पर्षद पति को सर्टिफिकेट बांट रहे हैं. अब यह मामला सुर्खियों में आ गया है. दमोह जिले के कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल है. दरअसल कलेक्टर चैतन्य पॉलिटेक्निक कॉलेज में निर्वचित सदस्यों को सर्टिफिकेट बांट रहे थे. इसी दौरान कलेक्टर चैतन्य ने दमोह नगर पालिका के वॉर्ड क्रमांक 39 से नवनिर्वाचित शरद कुमारी पति यशपाल ठाकुर को प्रमाण पत्र दिया. हालांकि चर्चा होने के बाद कलेक्टर ने तत्काल प्रमाणपत्र यशपाल ठाकुर से वापस लिया गया. इसके बाद शरद कुमारी को सर्टिफिकेट दिया गया. इसकी फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. लोगों का कहना है कि सरकार ने वंचित वर्ग को आगे बढ़ाने के लिए ही आरक्षण दिया है. इसके बाद भी जिम्मेदार अधिकारी इन बातों का ध्यान नहीं रखते.