Indore इंदौर : मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने मोबाइल फोन और टीवी के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के लिए बच्चों द्वारा अपने माता-पिता के खिलाफ दायर मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। आठ वर्षीय लड़के और 21 वर्षीय लड़की ने अक्टूबर 2021 में चंदन नगर पुलिस स्टेशन में अपने माता-पिता के खिलाफ मामला दर्ज कराया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनके माता-पिता उन्हें लॉकडाउन अवधि के दौरान मोबाइल फोन का उपयोग करने और टीवी देखने से मना करते थे। पुलिस ने माता-पिता को गिरफ्तार कर जिला अदालत में चालान भी पेश किया था। हाल ही में बच्चों के पिता अजय चौहान ने एमपी हाई कोर्ट की इंदौर बेंच के समक्ष धारा 482 सीआरपीसी के तहत मामले को खारिज करने के लिए याचिका दायर की।
माता-पिता की ओर से वकील धर्मेंद्र चौधरी ने बताया, "21 वर्षीय लड़की और उसके आठ वर्षीय भाई ने अक्टूबर 2021 में इंदौर के चंदन नगर थाने में अपने माता-पिता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 323, 342, 506 और 34 और किशोर न्याय ( बच्चों की देखभाल और संरक्षण ) अधिनियम की धारा 75 और 82 के तहत मामला दर्ज किया था।" बच्चों ने आरोप लगाया कि उनके माता-पिता उन्हें परेशान करते थे, उन्हें खाने से वंचित करते थे और उन्हें टीवी देखने से मना करते थे, खासकर उन्हें मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से रोकते थे। घर में और भी कई तरह की परेशानियां थीं। इस वजह से बच्चे अपनी बुआ के घर रहने चले गए और उसके बाद उन्होंने एफआईआर दर्ज कराई। जांच पूरी करने के बाद चंदन नगर पुलिस ने जिला न्यायालय में चालान पेश किया। चौधरी ने बताया, "हाल ही में मामले के मुख्य आरोपी बच्चों के पिता अजय चौहान ने मामले में सीआरपीसी की धारा 482 के तहत मप्र हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका दायर की थी। 25 जुलाई को मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी।" (एएनआई)