दर्जनों लोगों को कमीशन पर रखकर जालसाजी, पुलिस ने इंस्टेंट ऐप लोन रैकेट पर कसा शिकंजा
भोपाल न्यूज़: इंस्टेंट लोन ऐप के जरिए लोगों को अपना शिकार बनाने वाले गिरोह के पकड़े गए दो आरोपी मुंबई निवासी संजय नारायण एवं वैभव पवार मुंबई के ही थाणे में रहने वाले 32 वर्षीय युवक राजा के लिए काम करते थे. राजा अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. भोपाल साइबर पुलिस उसे गिरफ्तार करने का प्रयास करती रही लेकिन कमीशन पर काम करने वाले उसके गुर्गे ही हाथ लगे.
इधर भोपाल साइबर सेल द्वारा पकड़े गए दो आरोपियों में से एक जमानत पर रिहा हो गया है जबकि दूसरे को जेल भेज दिया. फर्जी बैंक खाता खुलवाने वाले संजय नारायण को जमानत मिली है जबकि वैभव पवार अपराध करने के आरोप में जेल चला गया है.
आरोपी बोले और भी लोग शामिल:
साइबर क्राइम पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने गिरोह के मास्टर माइंड राजा का नाम लिया है. पुलिस राजा को सरगना मानकर चल रही है लेकिन अंदेशा है गिरोह का मुख्य ऑपरेटर देश के बाहर है. आरोपी राजा ने लोकल लेवल पर संजय नारायण एवं वैभव पवार जैसे कई लोगों को अपना कमीशन एजेंट बनाया हुआ था. ऐसे अनेक लोगों के जरिए आरोपी राजा इंस्टेंट ऐप के जरिए छोटे-छोटे अमाउंट में लोगों को कर्ज दिलाने का काम कर रहा है. इन्हीं एजेंट के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर राजा बैंक में अकाउंट खुलवाता है और लोगों को बातचीत में उलझा कर शिकार बनाने भी कमीशन एजेंट को अपना जरिया बनाता है. पुलिस कार्रवाई होने पर कमीशन एजेंट यदि गिरफ्तार भी हो जाते हैं तो आरोपी तत्काल अपने फोन बंद कर लोकेशन बदल लेता है. पकड़े गए आरोपी मामूली काम करते थे और मोटा कमीशन मिलने की लालच में आरोपी राजा के लिए काम करने लगे थे. वैभव पवार 12वीं पास है एवं ड्राइवरी का काम करता है जबकि संजय नारायण वडा पाव बेचने का ठेला लगाता था.
आइपी एड्रेस की तलाश : डीसीपी साइबर क्राइम अमित सिंह ने बताया कि अभी तक 22 अकाउंट सामने आए हैं जिनमें आरोपियों ने पीड़ितों से पैसे जमा करवाए थे. इनमें लगभग 10 लाख की राशि जमा है इसके अलावा 12 से अधिक आईपी एड्रेस सामने आए हैं जिनके माध्यम से लोगों से इंटरनेट कॉलिंग कर संपर्क किया था. पुलिस इनसे जुड़े लोगों की जानकारी निकाल रही है.