परिवार के चार सदस्यों ने की आत्महत्या, बच्चों को दिया जहर, पति-पत्नी ने लगाई फांसी
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के रातीबड़ थाना क्षेत्र में आर्थिक तंगी और कर्ज से परेशान एक परिवार के चार सदस्यों ने आत्महत्या कर ली है। इनमें पति-पत्नी के शव फांसी पर लटके मिले, तो वहीं दोनों बच्चे घर के एक कमरे में मृत हालत में बरामद किए गए। इन्हें जहर देने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार रातीबड़ थाना क्षेत्र के नीलबड़ के शिव बिहार कॉलोनी में रहने वाले भूपेंद्र विश्वकर्मा (38) उसकी पत्नी रितु विश्वकर्मा (30) और दो बच्चे रितुराज (08) तथा ऋषिराज (03) के शव आज सुबह घर से बरामद किए गए। इनमें भूपेंद्र और रितु के शव फांसी पर लटके मिले, तो वहीं दोनों बच्चे मृत हालत में मिले। बच्चों को जहर देने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस ने सभी के शवों को अपने कब्जे में ले लिया है। पुलिस ने प्रारंभिक जानकारी में आत्महत्या का कारण आर्थिक तंगी और कर्ज से परेशान होना बताया है। पुलिस ने मामले में प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
मृतक के पास चार पेज का सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें उसने ऑनलाइन लिए गए कर्ज से परेशान होने, रिकवरी वालों के ब्लैकमेल करने का जिक्र है। सुसाइड नोट में पोस्टमॉर्टम न कराने, सामूहिक अंतिम संस्कार करने और परिजनों को कर्ज के लिए परेशान नहीं करने की बात लिखी गई है।
मृतक ने सुसाइड नोट में लिखा है कि ज्यादा कमाई की लालच में मैं एक ऑनलाइन कंपनी के चक्कर में फंस गया था। अपनी नौकरी के साथ मैं जुड़ा हुआ था। मैं कैसे उस कंपनी के लोन के जाल में फंस गया। यह पता ही नहीं चला है। धीरे-धीरे मुझे पर कर्ज का जाल बढ़ता गया। मैं इसके बारे में किसी को जानकारी नहीं दे पा रहा था। यहां तक की मेरी पत्नी को भी इसके बारे में जानकारी नहीं थी। अब कंपनी के लोग मुझे ब्लैकमेल कर रहे थे। मेरा फोन उनलोगों ने हैक कर लिया था। साथ ही हमारे रिश्तेदारों और परिचितों को मैसेज कर रहे थे।
कंपनी के रिकवरी एजेंट हमें लगातार धमकी देते थे। मैंने इसकी शिकायत साइबर क्राइम में की थी। अब मैं मुंह दिखाने के लायक नहीं बचा था। इसके बाद पूरे परिवार को खत्म करने का फैसला किया। पीड़ित ने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह ईकॉमर्स कंपनी है, मैं कमाई के चक्कर में लोन लेकर उसमें पैसा लगाता रहै। कोविड के बाद 2022 में यह कंपनी बनी थी। वहीं, सुसाइड नोट के अंत में पीड़ित ने लिखा है कि हमारी अंतिम इच्छा है कि पूरे परिवार का दाह संस्कार एक साथ करें। साथ ही हमारा कोई पोस्टमार्टम नहीं करवाया जाए।