मध्य प्रदेश में भी पटाखों पर लगा दिया गया हैं बैन, जानिए क्या हैं पूरा मामला
एनजीटी ने 200 से ज्यादा एयर इंडेक्स क्वालिटी होने पर पटाखों पर प्रतिबंध लगाया है
जनता से रिस्ता वेबडेसक | अपने अहम आदेश में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कहा है कि प्रदेश के जिन शहरों में वायु प्रदूषण अधिक होगा, वहां पटाखे नहीं फोड़े जा सकेंगे। इसी तरह मॉडरेट एयर क्वालिटी शहरों में सिर्फ दो घंटे ही ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति होगी। न्यू ईयर और क्रिसमस पर सिर्फ 15 मिनट पटाखे फोड़े जा सकेंगे। आदेश का उल्लंघन करने वालों से आर्थिक दंड वसूलने के निर्देश दिए गए हैं।
एनजीटी ने 200 से ज्यादा एयर इंडेक्स क्वालिटी होने पर पटाखों पर प्रतिबंध लगाया है। राहत की बात यह है कि अब तक मध्यप्रदेश के अधिकांश शहरों में एयर इंडेक्स क्वालिटी 200 से कम रही है। इस वजह से इन शहरों में दो घंटे ग्रीन पटाखे फोड़े जा सकेंगे। शहर के औद्योगिक क्षेत्रों में भी एयर इंडेक्स क्वालिटी 150 के आसपास बनी हुई है।
जस्टिस शिवकुमार मंगल और एक्टपर्ट सदस्य अरुण कुमार वर्मा की बेंच के सामने नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे और रजत भार्गव ने याचिका दाखिल की थी। इसमें कहा गया था कि विश्व स्वास्थ संगठन ने कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी व्यक्त की है। ऐसे में पटाखों पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है। आईएमए की रिपोर्ट के अनुसार फटाखों से निकलने वाला धुंआ कोरोना मरीजों के लिए घातक है। इससे कोरोना संक्रमण तेजी से फैल सकता है। याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट तथा एनजीटी ने पटाखे फोडने के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके बाद भी पिछले साल इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में दीपावली की रात बड़ी संख्या में पटाखे फोड़े गए। इस कारण दीपावली के अगले दिन इन शहरों एयर क्वालिटी इंडेक्स बेहद खराब रहा था। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता प्रभात यादव ने पैरवी की।