इंदौर | कांग्रेस के सीनियर नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ नफरत फैलाने के आरोप में एक और एफआईआर दर्ज की गई है। दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के द्वितीय सरसंघचालक माधव सदाशिव गोलवलकर को लेकर शनिवार को एक विवादित ट्वीट किया था। इसमें दावा किया गया था कि गोलवलकर दलितों और मुसलमानों को बराबरी का आधिकार देने के खिलाफ थे। इसके बाद शनिवार देर रात इंदौर के तुकोगंज थाने में दिग्विजय सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ए, 469, 500 और 505 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
कांग्रेस नेता ने जो ट्वीट शेयर किया था, उसमें ऊपर लिखा है, "गुरु गोलवलकर जी के दलितों पिछड़ों और मुसलमानों के लिए व राष्ट्रीय जल, जंगल और जमीन पर अधिकार पर क्या विचार थे अवश्य जानिए।" इसके साथ ही इसमें एक तस्वीर शेयर की गई है और उसपर कुछ विवादित टेक्स्ट लिखे गए हैं। इस तस्वीर में दावा किया गया है कि ये गोलवलकर की किताब 'वी ऐंड आवर नेशनहुड आईटेंडिफाइड' से कोट किए गए हैं।
तस्वीर पर जो टेक्स्ट लिखा है उसके मुताबिक सदाशिव गोलवलकर ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि जब भी सत्ता हाथ लगे तो सबसे पहले सरकार की धन संपत्ति, राज्यों की जमीन और जंगल पर अपने दो-तीन विश्वसनीय धनी लोगों को सौंप दें। 95% जनता को भिखारी बना दें, उसके बाद सात जन्मों तक सत्ता हाथ से नहीं जाएगी। आगे गोलवलकर को कोट करते हुए लिखा गया है कि उन्होंने 1940 में कहा था, "मैं सारी जिंदगी अंग्रेजों की गुलामी करने के लिए तैयार हूं, लेकिन जो दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों को बराबरी का अधिकार देती है, ऐसी आजादी मुझे नहीं चाहिए।"
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े लोगों का कहना है कि दिग्विजय सिंह झूठी बातों के जरिए समाज में नफरत फैलाने का काम करे हैं।आरएसएस नेता सुनील आंबेकर ने ट्वीट कर कहा, "गोलवलकर गुरुजी के संदर्भ में यह ट्वीट तथ्यहीन है और सामाजिक विद्वेष उत्पन्न करने वाला है। संघ की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से यह झूठा फोटोशॉप्ड पोस्टर बनाया गया हैं। गुरुजी ने कभी भी ऐसे नहीं कहा और उनका पूरा जीवन सामाजिक भेदभाव को खत्म करने में लगा रहा।"
दिग्विजय सिंह के विवादास्पद ट्वीट पर उनके खिलाफ इंदौर में हाई कोर्ट के वकील राजेश जोशी ने तुकोगंज थाने में इसी आरोप में शिकयत दर्ज कराई है। राजेश जोशी आरएसएस के कार्यकर्ता भी बताए जा रहे हैं। अपने खिलाफ केस दर्ज होने पर फिलहाल दिग्विजय सिंह की प्रतिक्रिया नही आई हैं। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब विवादित ट्वीट को लेकर कांग्रेस नेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। पिछले साल अप्रैल में भी उनपर एक ट्वीट को लेकर धार्मिक उन्माद फैलाने और अन्य धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हालांकि, कुछ समय बाद दिग्विजय सिंह ने ट्वीट को डिलीट कर दिया था।