रायसेन। बोर्ड पैटर्न की बजाय लोकल स्तर पर कराई जा रही हैं।परीक्षाओं में भारी अव्यवस्थाएं व्याप्त हैं। निजी स्कूल में परीक्षा केन्द्र बनाकर उसी स्कूल के स्टाफ को ड्यूटी पर लगाया गया है।ऐसा रायसेन में लंबे समय बाद देखने का मिला है।
निजी स्कूलों में परीक्षा केन्द्र बनाया गया है तो उसमें ड्यूटी उस स्कूल की नहीं होना चाहिए ।लेकिन अधिकारियों व निजी स्कूलों ने ये व्यवस्था अपने स्तर पर बनवा ली है। इसके चलते इन परीक्षाओं में नकल भी चल रही है। जिला शिक्षा विभाग अगर परीक्षाओं में कसावट लाने का प्रयास करता तो जिले भर में शासकीय शिक्षक भी बड़ी संख्या में तैनात हैं। परीक्षाओं में इनकी ड्यूटी लगाई जा सकती थी और स्टाफ बदलकर ड्यूटी लगायी जा सकती थी। लेकिन रायसेन में ऐसा नहीं हुआ। निजी स्कूल संचालकों ने अपनी सुविधा के हिसाब से अपने स्कूलों में ही परीक्षा केन्द्र रखवाया और ड्यूटी भी उन्होंने अपने स्टाफ की लगवाई है। इसके अलावा ग्रामीण अंचल के कुछ परीक्षा केन्द्रों पर बच्चों के बैठने के लिए कुर्सी टेबिल तो दूर टाटपट्टी तक नसीब नहीं हुई और छात्रों को मजबूरन जमीन पर ही बैठना पड़ा। सुन्ड स्कूल में पांचवीं की परीक्षा के दौरान कक्ष में बच्चों के बैठने के लिए टाटपट्टी तक नहीं बिछाई गई। जमीन पर बैठे बच्चे यह भी कहते सुने गए कि सर हमारे पैर ठंडे हो रहे हैं। क्योंकि सुबह के समय शीत लहर चल रही थी और अंदर कमरों में ठिठुरन भी थी।
पेपर बदलते रहे, छात्रों को हुई परेशानी....
शहर की राहुलनगर वार्ड 14 में स्थित सरकारी और प्राइवेट स्कूल में प्रश्न पत्र बदलते रहे, जिससे छात्रों को परेशानी हुई। कक्षा पांचवी का पहले कम्प्यूटर से पेपर डाउनलोड किया। बच्चे लिख रहे थे कि कुछ देर बाद पास पास बैठकर कॉपी में उत्तर लिखते देखे गए।