कर्मचारियों को तीन फॉर्म दिए जाते हैं एक में भी गलती वोट को करवा देती है रिजेक्ट, तीन चरण का होता प्रशिक्षण

Update: 2024-04-23 16:19 GMT
रायसेन। तीन चरण का होता प्रशिक्षण। मतदान में लगे कर्मचारियों को तीन चरण का प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें सबसे अंत में स्वयं के दिए जाने वाले डाक मतपत्र को किस तरह से भरना ये बताया जाता है। मतदान के दो से तीन दिन पूर्व इस प्रकार का प्रशिक्षण देकर कर्मचारियों को डाक मतपत्र दे दिए जाते है व उनको इसे भरकर देना होता है। बताया जा रहा है कि राजगढ़ व विदिशा लोकसभा क्षेत्र में कर्मचारियों ने छोटी - छोटी तकनीकी गलती की।जिससे उनके वोट बड़ी संया में दो चुनाव में रिजेक्ट कर दिए गए। इस बार उन गलतियों का दोहराव नहीं हो।इसके लिए खास उपाय निर्वाचन आयोग ने करने को कहा है।
चुनाव में बढ़ रही संख्या.....
ईवीएम पर मतदान होने के बाद भी राजगढ़ सहित विदिशा में वोट रिजेक्ट होने की संख्या दो चुनाव से बढ़ रही है। चुनाव आयोग पूरी कसरत मतदान को बढ़ाने के लिए तो कर रहा है। लेकिन चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्य में लगे उन कर्मचारियों से ही सही मतदान नहीं करवा पाया, जो चुनाव ड्यूटी के दौरान सामान्य मतदाताओं को जरूरत होने पर सही मतदान किस तरह करना, इस बारे में बताते है। कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी अरविंद दुबे कहते है कि कर्मचारियों को तीन फॉर्म दिए जाते है, इनमें से एक में भी की गई गलती वोट को रिजेक्ट करवा देती है।इसलिए तीनों फॉर्म को पूरा सही भरना जरूरी होता है। चुनाव आयोग ने कर्मचारियों के वोट रिजेक्ट होने को गंभीरता से लिया है। चुनाव लोकसभा का हो या विधानसभा का, निकाय का हो या पंचायत से लेकर मंडी व सहकारिता का, चुनाव जैसे महत्वपूर्ण काम में सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी बड़ी संख्या में लगती है। जिन कर्मचारियों की इस काम में ड्यूटी लगती है, उनको मतदान सही तरीके से करने के लिए अलग से प्रशिक्षण दिया जाता है।
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