दिल्ली: बैतूल जिले में खुले बोरवेल में गिरे तन्मय को बचाने के लिए राहत और बचाव कार्य खत्म हो गया है। बैतूल जिले के मांडवी गांव में मंगलवार शाम 55 फुट गहरे खुले बोरवेल में गिरे तन्मय को बाहर तो निकाल लिया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। बैतूल जिला प्रशासन ने बताया कि बोरवेल में गिरे आठ वर्षीय तन्मय साहू की मौत हो गई है। इससे पहले तन्मय को बचाने की पूरी कोशिश की जा रही थी। 56 घंटे में 45 फीट खुदाई का काम पूरा होने के बाद हॉरिजोंटल सुरंग बनाने के लिए हैंड ड्रिलर से तीन फीट तक सुरंग की खुदाई कर ली गई थी। बच्चे को निकालने के लिए सात फीट की ड्रिलिंग भी शुरू की गई। शुक्रवार तड़के चार बजे तक उसे निकालने की संभावना जताई गई थी। लेकिन इन कोशिशों के बावजूद तन्मय को बचाया नहीं जा सका।
तन्मय के इंतजार में लोग बाहर ठंड में ठिठुरते हुए उसके निकलने का इंतजार कर रहे थे। बता दें, मांडवी गांव में मंगलवार छह दिसंबर की शाम 4.30 बजे खेलते हुए तन्मय चाचा के बनवाए गए खुले बोर में गिर गया था। बच्चे की गिरने की खबर मिलने के बाद अगले एक घंटे में ही बचाव कार्य शुरू कर दिया गया था। बच्चे को बोर से निकालने के लिए जिला प्रशासन, एसडीईआरएफ और एनडीआरएफ की टीम लगातार खुदाई कर रही थी। तन्मय के पिता सुनील यही कह रहे थे कि मेरा बेटा सकुशल निकल जाए। स्कूल के बच्चे और ग्रामीण भी लगातार प्रार्थना कर रहे थे। तन्मय के दोस्त उसकी सलामती के लिए गायत्री मंत्र का जाप कर रहे थे।
बैतूल के अतिरिक्त जिलाधिकारी श्यामेंद्र जायसवाल ने कहा था कि "हमने 45 फीट तक खुदाई पूरी कर ली है और अब एक हॉरिजोंटल सुरंग खोदेंगे, जिसे शुरू किया गया है। रास्ते में कठोर चट्टानें थीं, जिन्हें मशीन की मदद से तोड़ा गया। लेकिन अब हम बच्चे के पास पहुंच गए हैं और यह एक बहुत ही संवेदनशील स्थिति है इसलिए अब इसे हाथ से खोदा जाएगा और बच्चे के पास पहुंचने की कोशिश की जाएगी।"
तन्मय के पिता सुनील साहू ने कहा कि, "मेरी 12 साल की बेटी ने बेटे को बोरवेल में गिरते हुए देखा और घटना की जानकारी दी। हम तुरंत मौके पर पहुंचे, उसकी सांस चल रही थी और हमने पूछताछ करते हुए उसकी आवाज सुनी। बचाव अभियान 6 दिसंबर को शाम 6 बजे से शुरू किया गया था।" राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), होमगार्ड और स्थानीय पुलिस कर्मी पिछले तीन दिनों से काम पर थे। तन्मय की शिक्षिका गीता मानकर ने कहा, 'तन्मय तीसरी कक्षा का छात्र है। उसके स्कूल के शिक्षकों सहित उसके स्कूल के बच्चों ने उसकी सुरक्षा के लिए गायत्री मंत्र का जाप किया।