जान जोखिम में डालकर यात्रा कर रहे वाहन चालक

Update: 2024-04-28 09:09 GMT
रायसेन। जिले की सड़कों के किनारे खड़े सूखे पेड़ दुर्घटनाओं को न्योता दे रहे हैं। वाहन चालक जान जोखिम में डालकर अपना सफर पूरा कर रहे हैं इन पेड़ों को जमीन डोज करने के लिए शायद जिला प्रकरण और जिम्मेदार विभाग के अधिकारी बेपरवाह बने हुए हैं। ऐसी स्थिति में कभी भी कोई बड़ी सड़क दुर्घटना घटित हो सकती है।
यहां हो चुके हैं हादसे.....
जिले की तहसील सिलवानी गैराजगंज बेगमगंज क्षेत्र में और बमहोरी कस्बे में इस तरह की घटनाएं हो चुकी है। इसके बावजूद जिला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों ने इन दुर्घटनाओं से कोई सबक नहीं लिया है ।फरवरी के अंत और मार्च के शुभारंभ पर आंधी तूफान आया था। उस आंधी तूफान सेसांची विदिशा रोड ,सलामतपुर दीवानगंज भोपाल रोड सागर भोपाल स्टेट हाईवे रायसेन से भोपाल रोड के किनारे खड़े सूखे और कमजोर पेड टूटकर सडक़ पर गिर गए थे। जिससे घंटों वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित रहा था। ग्रामीणों की मदद से टूटे पेड को हटाया गया था। उसके बाद सडक़ पर फंसे पेड को हटाया गया था।
पाटनदेव सागर रोड़ छात्रावास भवन के समीप रॉयल कॉलोनी के सामने मारुति नन्दन मंदिर के द्वार मुख्य सड़क किनारे वर्षों से सूखा पेड खड़ा है। उसी के नीचे से बस, बाइक और अन्य मालवाहक वाहनों का आवागमन रहता है। लोडिंग वाहन चालक रहीश खान ,युनुस खान हरिकेश यादव ने बताया कि शहर में पहले कलेक्टर बंगला के सामने सूखा पेड खड़ा था। वह प्रशासन ने ऊपरी हिस्से से कटवा दिया है। इन सूखे पेड़ों की जड़े कमजोर हो गई है। जिससे कभी नुकसान हो सकता है।
पेमत बनगवां रोड पर भी दोनों ओर दर्जनों सूखे पेड़ खड़े हुए हैं।शहर के नया बस स्टैंड से लेकर दरगाह शरीफ मजार के आगे तक पेड दोनों तरफ खड़े है। इन्हीं में कई सूखे पेड भी खड़े है। जिनकी शाखाएं अधिक सूख गई है। हल्की हवाएं चलने से इसकी शाखाएं टूटकर सड़क पर गिर जाती है। यही हालग्रामीण अंचल की सड़कों के बने हुए हैं।
वाहन चालक गोपाल अहिरवार, सैतान विजय कुमार यादव, बबलू यादव, शतराज खान ने बताया कि पर्यावरण संतुलन को लेकर सडक़ किनारे खड़े पेड़ों को छोड़ दिया था। अब वह पेड सूख गए है। आंधी तूफान में हर वर्ष सडक़ किनारे खड़े सूखे पड़े गिर रहे है। जहां हादसों का अंदेशा बना हुआ है।
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