Nagda| दिव्यांगजनों के अभिभावकों के लिए दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम गीता के समान है, और हर अभिभावक को इसका अध्ययन अवश्य करना चाहिए जिससे वे दिव्यांगजनों को प्राप्त अधिकारों को जानकर उन्हें दिलवा सके। उपरोक्त बात अभिभावक संगठनों के महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं स्नेह संस्थापक लायन डॉ पंकज मारू ने कोलकाता के रामकृष्ण मिशन के विवेकानंद हाल में आयोजित ऑटिज्म कन्वेंशन 2024 में उपस्थित 500 से अधिक अभिभावकों को मुख्य वक्ता और पैनल सदस्य के रूप में संबोधित करते हुए कही।
स्नेह के सचिव लायन विनयराज शर्मा ने बताया कि मारू ने इस महत्वपूर्ण कन्वेंशन में भारत सरकार की विभिन्न योजनाओ, यू डी आई डी कार्ड, एवं कानूनी संरक्षण के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। ऑटिज्म कन्वेंशन 2024 भारत में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम था, जिसे ऑटिज्म से प्रभावित बच्चो के ही अभिभावक द्वारा आयोजित किया गया था जिसमें ऑटिज्म से संबंधित छह महत्वपूर्ण पहलुओं वित्तीय प्रबंधन, कानूनी अधिकार, आवासीय सुविधा, स्वास्थ्य, जीवन कौशल और समुदाय पर मंथन किया गया । मारू ने अभिभावकों से पैनल डिस्कशन एवं वन टू वन चर्चा कर उनकी विभिन्न समस्याओं के समाधान हेतु मार्गदर्शन प्रदान किया। इस अवसर पर देश भर के विषय विशेषज्ञों उपस्थित थे ।