बीमा अस्पताल कर्मचारियों के मकान जर्जर, टेंडर खत्म होने से बढ़ा कर्मचारियों का इंतजार

Update: 2023-01-07 08:31 GMT

भोपाल न्यूज़: बीमा अस्पताल परिसर में बने सरकारी मकानों को मरम्मत की दरकार है. ईएसआई कार्पोरेशन से लगभग 3 करोड़ रुपय में सीपीडब्लूडी को इन मकानों की मरम्मत की जिम्मेदारी दी गई थी. एक ब्लॉक की मरम्मत करके उसे वापस कर्मचारियों को रहने के लिए सौंप भी दिया गया था, लेकिन बाकी के फ्लैट कर्मचारियों द्वारा समय पर खाली नहीं करने के कारण सीपीडब्लूडी के टेंडर की समय-सीमा समाप्त हो गई. इससे मकानों की मरम्मत का काम अटक गया है. अब ईएसआई कार्पोरेशन पुन: इस प्रकिया को शुरू करवाने में लगा है. इसके लिए उच्च स्तर पर कार्रवाई शुरू की जा चुकी है.

बीमा अस्पताल परिसर में ही तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के रहने के लिए फ्लैट बना कर दिए गए थे. 30 साल से भी अधिक पुराने इन मकानों की कई सालों से मेंटेनेंस नहीं हो पाने से इन मकानों में टूट-फूट होने लगी थी. कई फ्लैटों की हालत बेहद खराब हो चुकी है. यहां के 40 मकानों की स्थिति इतनी खराब है कि उन्हें पूरी तरह से ही तोड़ दिया जाएगा. ऐसे में ईएसआई कारपोरेशन ने अस्पताल परिसर के 6 ब्लाकों के 48 फ्लैटों की रिपेयरिंग का काम सीपीडब्लूडी को दिया था. एक ब्लॉक की मरम्मत करके उसे वापस कर्मचारियों को रहने के लिए सौंप भी दिया गया है, जिसमें अभी लोग रहने भी लगे हैं. सीपीडब्लूडी ने सभी ब्लॉक एक साथ खाली मांगे थे, ताकि मरम्मत का काम सही तरीके से किया जा सके, पर वहां रहने वाले कर्मचारियों ने समय पर उन मकानों को खाली नहीं किया, जिससे टेंडर की समय सीमा नवंबर में समाप्त हो गई.

सूत्रों ने बताया कि कर्मचारियों द्वारा मकानों को खाली नहीं करने के पीछे असल वजह कम किराया होना है. वर्तमान ने इन लोगों से सिर्फ 150 प्रतिमाह किराए के रूप में लिया जाता है. इतने कम किराए में कहीं और मकान और वह भी मुख्य जगह पर नहीं मिल सकता. उन्हें यह डर भी था कि मकान खाली हो जाने के बाद दोबारा उन्हें परिसर में मकान मिलेंगे कि नहीं. इसलिए भी मकानों के जर्जर होने के बाद भी यहा रहने को तैयार थे. मकानों को खाली करवाने में अस्पताल प्रशासन को बहुत मशक्कत करनी पड़ी. अस्पताल प्रशासन द्वारा उन कर्मचारियों से मकानों को खाली करने के लिए कई बार नोटिस देकर और समझाइश के बाद अब खाली करवाया गया है.

यह मकान बहुत पुराने हो गए थे, इसलिए टूट फूट भी ज्यादा होने लगी थी. मकानों की मरम्मत हो जाने से सभी रहवासियों के लिए अच्छा होगा.

विमाला सिंह, रहवासी

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