मप्र कांग्रेस कमेटी के महामंत्री और प्रशासन प्रभारी राजीव सिंह ने कहा कि भाजपा ग्राम पंचायत चुनाव में बुरी तरह से हार जाने के बावजूद इस तरह की अफवाहें फैला रही है कि उसने पंचायत चुनाव में जीत हासिल की है।
मध्य प्रदेश में पिछले दिनों हुए पंचायत के चुनावों के परिणाम आ गए हैं। प्रदेश की 875 जिला पंचायत सीटों में से कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों ने 386 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं भाजपा समर्थित प्रत्याशियों को 360 सीटों पर कामयाबी मिली है। इसके अलावा 129 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं।
मप्र कांग्रेस कमेटी के महामंत्री और प्रशासन प्रभारी राजीव सिंह ने आज जारी एक बयान में यह बात कही। सिंह ने कहा कि भाजपा ग्राम पंचायत चुनाव में बुरी तरह से हार जाने के बावजूद इस तरह की अफवाहें फैला रही है कि उसने पंचायत चुनाव में जीत हासिल की है। भाजपा के इस दुष्प्रचार का मुंहतोड़ जबाव देने के लिए कांग्रेस पार्टी सभी जिलों के जिला पंचायत सदस्यों का ब्यौरा सार्वजनिक कर रही है। शुरुआत में कांग्रेस पार्टी ने संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करते हुए कोई सूची जारी नहीं की थी, क्योंकि पंचायत के चुनाव दलीय आधार पर नहीं होते।
सिंह ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान सरकार ने अपनी तरफ से पुलिस, पैसा और प्रशासन का जमकर दुरुपयोग किया और पंचायत चुनावों को प्रभावित करने की पूरी कोशिश की। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद भी मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर तक में भाजपा जीत दर्ज नहीं कर सकी। यदि प्रशासन का दुरुपयोग नहीं किया जाता तो कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी कम से कम 450 सीटों पर जीत दर्ज करते।
सिंह ने बताया कि जनपद पंचायत अध्यक्ष को लेकर स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं हुई है, लेकिन शुरुआती आकलन के मुताबिक कांग्रेस पार्टी कम से कम 125 जनपद पंचायतों में अपना अध्यक्ष बनाने की स्थिति में है। उन्होंने कहा कि पूरे आंकड़े सामने आने के बाद इस संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हो सकती है। सिंह ने कहा कि पंचायत चुनाव में गांव की जनता ने पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में विश्वास जताया है। इसी तरह 17 और 20 जुलाई को होने वाली नगरीय निकाय चुनाव की मतगणना में भी जनता नया इतिहास लिखने वाली है और अधिकतर नगर निकाय पर कांग्रेस का झंडा फहराएगा।