ग्वालियर में बिजली विभाग का प्रदर्शन, एक माह का 34 सौ करोड़ का बिल जमा कराने को पांच दिन का समय था
ग्वालियर में बिजली विभाग का प्रदर्श
ग्वालियर. बिजली विभाग की लापरवाही अक्सर उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का सबब बन जाती है. हर दिन बिजली विभाग के आफिसर में उपभोक्ता और कर्मचारियों के बीच बिजली बिल को लेकर नोकझोंक होती रहती है. हो भी क्यों न? क्योंकि विभाग गलत रीडिंग चढ़ाकर उल्टा-सीध बिल भेज देता है, ऐसा ही एक मामला केंद्रीय मंत्री माधोराव सिंधिया और खुद प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रदुम्न सिंह तोमर के गृह जिले ग्वालियर का है. यहां पर एक उपभोक्ता के घर का बिजली बिल 3 हजार 419 करोड़ उसक मोबाइल पर मैसेज के रूप भेज दिया. इस बिल को देखकर उपभोक्ता व उनके परिवार वालों के होश उड़ गए. जब इस बिल को लेकर विभाग गए तो उन्हें कई दिनों तक टहलाया गया. मामला जब मीडिया में आया तो दो कर्मचारियों को बर्खास्त तो एक को निलंबित कर दिया.
बिजली विभाग की लापरवाही ग्वालियर के उपभोक्ता के लिए मुसीबत का सबब बन गई है. ग्वालियर के पॉस इलाके सिटी सेंटर में शिव नगर के संजीव गुप्ता के मोबाइल पर बिजली के बिल का मैसेज आया. जब उन्होंने बिल डाउनलोड करके देखा तो होश उड़ गए. उनके जुलाई महीने में जो मिला वो 3419 करोड़ का था और इस बिल को 30 जुलाई तक ही जमा करना था. यानी कि उपभोक्ता को 3419 करोड़ रुपया सिर्फ 5 दिन बाद ही जमा करना था. इस बिल के बारे में पूरा परिवार परेशान हो गया. बिल की शिकायत लेकर के जब संजीव ने बिजली दफ्तर में अफसरों से गुहार लगाई तो अफसरों ने जांच की बात करके मामले को रफादफा करने की कोशिश में लगे रहे.
ऐसे कई उपभोक्ताओं के पास भेज दिया बिल
यह घटना सिर्फ संजीव के साथ ही नहीं घटी बिल्कि सिटी सेंटर जोन में 30-35 उपभोक्ताओं के साथ घटी है. इन लोगों को भी करोड़ों रुपये के बिल थमा दिए. इस मामले में महाप्रबंधक बिजली कंपनी के महाप्रबंधक ने उनकी डिवीजन के महाप्रबंधक को शो कॉज नोटिस भेजकर जवाब मांगा. जांच में पता चला है कि मीटर रीडर, केपियो और असिस्टेंट ऑफिसर की गलती की वजह से उपभोक्ताओं के बिल जारी हो गए थे. गलत रीडिंग की वजह से बिजली कंपनी के सॉफ्टवेयर ने भी गलत कैलकुलेशन करके इतनी भारी-भरकम का बिल जारी कर दिया.इस मामले में असिस्टेंट रेवेन्यू ऑफिसर तक को निलंबित कर दिया गया है. वहीं मीटर रीडर अनिल और केपीओ राहुल को भी बर्खास्त कर दिया गया है.