Damoh: तालाब से पकड़े गए मगरमच्छ को गुरुवार शाम रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व भेजा

Update: 2024-10-04 06:30 GMT
Damoh दमोह: जिले के जोरतला गांव में तालाब से पकड़े गए मगरमच्छ को गुरुवार शाम रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के सिंगौरगढ़ जलाशय में छोड़ा गया है। मगरमच्छ ने 9 दिन में करीब 20 मुर्गे खा लिए, तब जाकर इसे पकड़ा जा सका। डिप्टी रेंजर लइक खान ने बताया कि दमोह रेंज के अमले द्वारा एक वयस्क मगरमच्छ का रेस्क्यू कर पिंजरे में लाया गया था, जिसे सुरक्षित सिंगौरगढ़ जलाशय में छोड़ा गया है। बता दें कि जिलेभर से रेस्क्यू किए गए मगरमच्छों को इसी जलाशय में छोड़ा जाता है, जिससे सिंगौरगढ़ जलाशय में मगरमच्छों की संख्या काफी अधिक हो गई है। इसके अलावा व्यारमां नदी में भी बड़ी संख्या में
मगरमच्छ रहते हैं।
दमोह रेंजर विक्रम चौधरी ने बताया कि जोरतला गांव के तालाब में यह मगरमच्छ बारिश के दौरान पानी के साथ कहीं से आ गया था। इसकी सूचना 23 सितंबर को ग्रामीणों द्वारा दी गई थी। ग्रामीणों ने बताया था कि मगरमच्छ तालाब से बाहर निकलकर बैठा रहता है, जिससे स्थानीय लोगों को काफी खतरा है। ग्रामीणों की सूचना के बाद गांव में मुनादी करवाकर तालाब के आसपास ग्रामीणों को न जाने की हिदायत दी गई थी। 23 सितंबर को ही तालाब के पास पिंजरा रखवा दिया गया था, और प्रतिदिन मगरमच्छ को पकड़ने के लिए पिंजरे में मुर्गा रखा जा रहा था। 9 दिन में करीब 20 मुर्गे खाने के बाद गुरुवार सुबह मगरमच्छ पिंजरे में कैद हो गया। उसका सुरक्षित रेस्क्यू कर उसे सिंगौरगढ़ जलाशय में छोड़ा गया है।
एक सप्ताह से ग्रामीण काफी दहशत में थे और हर समय उन्हें मगरमच्छ से खतरा बना रहता था। मगरमच्छ को पकड़ने के लिए प्रतिदिन पिंजरे में मुर्गा रखा जा रहा था, लेकिन वह पिंजरे के पास आकर मुर्गे को अपने जबड़े में फंसा कर पानी में ले जाता। इस तरह वह 19 मुर्गे खा चुका था। गुरुवार को फिर मुर्गा रखा गया, और जैसे ही उसने उसे पकड़ा, पिंजरे का गेट बंद हो गया और वह कैद हो गया।
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